राजस्थान रोडवेज को मिली नई इलेक्ट्रिक बसें अब यात्रियों का सफर आवर भी होगा सुहाना
राजस्थान रोडवेज में वी बसों के संचालन से आय अधिक होने के कारण रोडवेज को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन ईवी बसें आने से दिल्ली रूट पर रोडवेज की सेवाएं मजबूत होंगी. इससे यात्रियों को स्वच्छ और किफायती यातायात का लाभ मिलेगा.राजस्थान रोडवेज के बेड़े में पहली बार इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने की तैयारी है. हालांकि राज्य सरकार ने बजट घोषणा के तहत रोडवेज को 300 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने की बात कही थी.
Rajatshan News : राजस्थान रोडवेज में वी बसों के संचालन से आय अधिक होने के कारण रोडवेज को कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. लेकिन ईवी बसें आने से दिल्ली रूट पर रोडवेज की सेवाएं मजबूत होंगी. इससे यात्रियों को स्वच्छ और किफायती यातायात का लाभ मिलेगा.राजस्थान रोडवेज के बेड़े में पहली बार इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने की तैयारी है. हालांकि राज्य सरकार ने बजट घोषणा के तहत रोडवेज को 300 इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने की बात कही थी.
लेकिन इस बीच रोडवेज प्रशासन अपने स्तर पर भी कुछ बसें खरीदने की तैयारी कर रहा है. क्या है रोडवेज प्रशासन की तैयारी राज्य सरकार की बजट घोषणा में अगले 2 साल में 500 नई बसों की खरीद के लिए मंजूरी दी गई है. वहीं 800 बसें सर्विस मॉडल पर यानी किराए पर लेने के लिए भी कहा गया है. इनमें 300 बसें इलेक्ट्रिक श्रेणी की होंगी. यानी रोडवेज प्रशासन को 300 इलेक्ट्रिक बसें राज्य सरकार के स्तर पर सर्विस मॉडल पर मुहैया कराई जा सकती हैं.
रोडवेज प्रशासन ने राज्य सरकार की बजट घोषणा को देखते हुए पहली बार अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें शामिल करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है. दरअसल अभी तक रोडवेज प्रशासन के पास एक भी इलेक्ट्रिक बस नहीं है. दिल्ली में शहर के मध्य तक बसें संचालित करने के लिए रोडवेज के पास इलेक्ट्रिक बसें होना जरूरी है. इसी को देखते हुए रोडवेज प्रशासन ने राज्य सरकार से ईवी बस खरीद के लिए अनुदान देने का प्रस्ताव भेजा है. रोडवेज की चेयरमैन शुभ्रा सिंह और प्रबंध निदेशक पुरुषोत्तम शर्मा ईवी बसें खरीद के लिए प्रयासरत हैं. प्रबंध निदेशक ने इस सप्ताह लगातार 3 दिन तक ईवी बस निर्माता कम्पनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की है.
इन कम्पनियों से बसों के माॅडल और उनकी लागत के सम्बंध में जानकारी मांगी है. ईवी बस निर्माता कम्पनियों से बसों के मॉडल, लागत, उसके स्पेसिफिकेशन और बैटरी लाइफ के बारे में जानकारी ली है.इलेक्ट्रिक बसों का ड्रॉबैक यह है कि महज 3 साल बाद ही इन बसों की बैटरी बदलनी होगी. इन बैटरी लागत कुल खरीद लागत का एकतिहाई होगी. ऐसे में बस खरीद के मात्र 3 साल में ही रोडवेज प्रशासन को इन बसों पर फिर से मोटी रकम खर्चनी होगी.
ऐसे में रोडवेज के अधिकारी अभी चिंतन में जुटे हैं कि इलेक्ट्रिक बसों की खरीद की जाए या अनुबंध पर लिया जाए.राजस्थान रोडवेज द्वारा इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के बावजूद, आर्थिक बोझ बढ़ने की संभावना है. इलेक्ट्रिक बसों की संचालन लागत कम होगी, जिसमें डीजल की तुलना में चार्जिंग खर्च मात्र 6-7 रुपये प्रति किमी होगा, जबकि डीजल बसों में यह खर्च 20-22 रुपये प्रति किमी होता है. लेकिन बसों की खरीद लागत और बैटरी लागत अधिक होने से कुल संचालन खर्च लगभग 75 रुपये प्रति किमी तक पहुंच सकता है. यह रोडवेज की औसत आय 40 रुपये प्रति किमी से काफी अधिक है, जिससे 35 रुपये प्रति किमी का अतिरिक्त खर्च एक बड़ा नुकसान होगा.