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राजस्थान के कारोबारियों को मिलेगा बड़ा फायदा, जानें कैसे

राजस्थान के कारोबारियों को बड़ी राहत मिली हैं। आपकों बता दे की कुछ समय पहले भारत और ब्रिटेन के बीच समझौत हुआ हैं। इस समझौत के कारण राजस्थान के रत्न एवं आभूषण निर्यात को नई उड़ान मिलने वाली हैं। 
 
राजस्थान के कारोबारियों को मिलेगा बड़ा फायदा, जानें कैसे

Rajasthan News : राजस्थान के कारोबारियों को बड़ी राहत मिली हैं। आपकों बता दे की कुछ समय पहले भारत और ब्रिटेन के बीच समझौत हुआ हैं। इस समझौत के कारण राजस्थान के रत्न एवं आभूषण निर्यात को नई उड़ान मिलने वाली हैं। 

आपकों बता दे की भजनलाल सरकार प्रदेश से निर्यात में बढोतरी और राजस्थान में निवेश को लेकर मुक्त व्यापार समझौते से खासी उत्साहित दिखाई दे रही है.पीएम नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच जिस समझौते पर दस्तखत हुए, उससे राजस्थान की सरकार से लेकर प्रदेश के कारोबारी बेहद उत्साहित हैं. मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर होने के बाद राजस्थान के रत्न एवं आभूषण उद्योग को निर्यात के क्षेत्र में बड़ी बढ़त मिलने की संभावना है. इस समझौते के तहत कीमती और सस्ते आभूषणों पर लगने वाले सभी टैरिफ समाप्त कर दिए गए हैं. 

समझौते के तहत भारत के 99 फीसदी निर्यातों को यूके में शुल्क-मुक्त पहुंच प्राप्त होगी. राजस्थान के लिए यह विशेष रूप से लाभदायक होगा. यहां के रत्न एवं आभूषण उत्पादकों को अब यूके में शून्य टैरिफ दर पर निर्यात करने की सुविधा मिलेगी. वर्तमान में भारत से कीमती धातुओं के आभूषणों के निर्यात पर 2 से 4 प्रतिशत तक का सीमा शुल्क लगता है, जबकि सस्ती धातुओं के आभूषणों पर यह शुल्क 4 प्रतिशत है. एफटीए के प्रभावी होते ही ये सभी शुल्क शून्य हो जाएंगे.यूके के बाजार में जीरो ड्यूटी पहुंच से राजस्थान का वस्त्र उद्योग भी लाभान्वित होगा, पहले 12 प्रतिशत तक आयात शुल्क लगता था. इस बदलाव से करीब-7000 करोड़ रुपये के निर्यात की संभावनाएं बढ़ेंगी. 

विशेष रूप से परिधान और होम टेक्सटाइल्स क्षेत्र में भारत के पड़ोसी देशों से राजस्थान बेहतर ढंग से प्रतिस्पर्धा कर सकेगा. मकराना और किशनगढ़ के विश्व प्रसिद्ध स्टोन एवं मार्बल उद्योग, राज्य की सीमेंट निर्माण इकाइयों एवं राजस्थानी पारंपरिक फर्नीचर और बेडिंग निर्माण इकाइयों को भी इस एफटीए से लाभ मिलेगा.राजस्थान की पारंपरिक पेंटिंग्स, पॉटरी और धातु शिल्प सहित हस्तशिल्प क्षेत्र के लिए भी बड़ी संभावनाओं के द्वार खुलेंगे. यूके के लक्जरी मार्केट और दक्षिण एशियाई प्रवासी समुदाय की ओर से बढ़ती मांग इसमें सहायक होगी. इंजीनियरिंग और ऑटोमोबाइल पार्ट्स राजस्थान की इंजीनियरिंग गुड्स को भी कम टैरिफ का लाभ मिलेगा और यूके के बाजार में बेहतर पहुंच मिलेगी. एफटीए से स्थानीय वैल्यू एडिशन नियमों के साथ ऑटो पार्ट्स के निर्यात को भी बढ़ावा देगा. 

होंडा का टपूकड़ा संयंत्र इस क्षेत्र में राज्य की निर्माण क्षमता को दर्शाता है, जहां से इंजन पार्ट्स और क्रैंकशाफ्ट जैसे उत्पादों का निर्यात यूके और अन्य देशों में किया जाता है.भजनलाल सरकार ‘राइजिंग राजस्थान’ पार्टनरशिप कॉन्क्लेव-2025 आयोजित करने जा रही है, जिसके लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. सरकार देशी के साथ विदेशी निवेशकों को लुभाने की कोशिश कर रही है. जाहिर है भारत और यूके सहित अन्य देशों के बीच व्यापारिक साझेदारियों को ये समझौता और मजबूती प्रदान करेगा.