हरियाणा में बुजुर्गों की हुई मौज, अब हर महीने मिलेंगे 3000 रूपए, जानें पात्रता
Haryana News: हरियाणा सरकार ने गरीब और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं शुरू की हैं। इन योजनाओं का लाभ भी समय-समय पर पात्र लोगों को मिल रहा है। सरकार सभी वर्गों के लोगों के उत्थान की दिशा में निरंतर काम कर रही है। इस संदर्भ में राज्य सरकार ने वृद्धावस्था सम्मान पेंशन योजना शुरू की है।
बुजुर्गों के लिए लाभ इस योजना का उद्देश्य न केवल बुजुर्गों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, बल्कि उन्हें वित्तीय स्थिरता और सामाजिक सम्मान भी प्रदान करना है। इस योजना को वरिष्ठ नागरिकों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सरकार द्वारा उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे बुजुर्गों को अपनी दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में वित्तीय सहायता मिलती है।
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पहले इस योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया काफी जटिल थी और बुजुर्गों को उम्र के इस पड़ाव पर दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़ते थे। अपनी उम्र के कारण वह कार्यालयों में जाने में असमर्थ थे। इसीलिए अब सरकार द्वारा इसमें व्यापक बदलाव किया गया है, जिससे यह प्रक्रिया बहुत आसान हो गई है।
अब बुजुर्गों को किसी दफ्तर जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि पेंशन की राशि स्वतः ही उनके खाते में भेज दी जाती है। सरकार ने राज्य में फैमिली आईडी की शुरुआत की है, जिसके तहत 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर बुजुर्गों को दर्ज आयु के आधार पर स्वतः ही पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है।
सरकार पात्र बुजुर्गों को 3000 रुपये प्रति माह पेंशन देती है। यह राशि सीधे उनके खातों में स्थानांतरित कर दी जाती है, इसलिए उन्हें कहीं चक्कर नहीं लगाना पड़ता, न ही कोई कागजी कार्रवाई करनी पड़ती है। सरकार द्वारा समय-समय पर पेंशन की राशि में भी वृद्धि की जाती है। इस राशि की मदद से बुजुर्ग अपनी दवाइयां और अन्य दैनिक जरूरतें पूरी कर पाते हैं। इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया गया है, जिससे किसी भी प्रकार की दलाली या भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं बची है।
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बुजुर्गों को पेंशन के लिए किसी सरकारी कार्यालय में जाने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता। सरकार पेंशन राशि सीधे उनके खाते में भेजती है। सरकार समय-समय पर इस योजना के तहत पेंशन राशि बढ़ाती है। जिन बुजुर्गों की आर्थिक स्थिति खराब है, उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाता है।
यह है पात्रता:
पात्र नागरिक हरियाणा का स्थायी निवासी होना चाहिए।
बुजुर्ग की आयु 60 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
बुजुर्गों की आय सरकार द्वारा निर्धारित आय सीमा से अधिक नहीं होनी चाहिए।
बुजुर्ग का नाम परिवार पहचान पत्र में दर्ज होना चाहिए।
बुजुर्ग व्यक्ति को कोई अन्य पेंशन नहीं मिल रही है।