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आईएमडी ने दी बड़ी जानकारी, मार्च के अंत तक हो जाएगा गंगा एक्सप्रेसवे का काम पूरा 

गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण शाहजहांपुर जिले में धीमी गति से चल रहा है। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, और मार्च के अंत तक जिले की सीमा में आने वाले 42 किलोमीटर के हिस्से का काम पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन निर्माण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, यह उम्मीद जताना मुश्किल है कि समय सीमा के भीतर यह कार्य पूरा हो पाएगा।
 
आईएमडी ने दी बड़ी जानकारी, मार्च के अंत तक हो जाएगा गंगा एक्सप्रेसवे का काम पूरा 

Ganga Expressway : गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण शाहजहांपुर जिले में धीमी गति से चल रहा है। हालांकि, अधिकारियों का दावा है कि 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, और मार्च के अंत तक जिले की सीमा में आने वाले 42 किलोमीटर के हिस्से का काम पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन निर्माण की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, यह उम्मीद जताना मुश्किल है कि समय सीमा के भीतर यह कार्य पूरा हो पाएगा।

शाहजहांपुर में गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के दौरान कुछ प्रमुख बाधाएं सामने आ रही हैं, खासकर बहगुल नदी के पुल पर काम अधूरा होने के कारण। इसके अलावा, बड़े निर्माण कार्य और सर्विस रोड के निर्माण में भी देरी हो रही है।

गंगा एक्सप्रेस-वे की विशेषताएं

कुल लंबाई                   42 किलोमीटर
गुज़रने वाले गांव            44 गांव
निर्माण कंपनी               एचडी इंफ्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड
मांग                            महाकुंभ के लिए समय सीमा तय

निर्माण में आ रही देरी के कारण

शाहजहांपुर में बरेली हाईवे को क्रॉस कराने के लिए फ्लाईओवर का निर्माण पूरा होने के बाद एप्रोच रोड का काम चल रहा है। बुधवाना क्षेत्र में बहगुल नदी के पुल का निर्माण अभी अधूरा है, जो निर्माण कार्य में देरी का प्रमुख कारण बन रहा है।जलालाबाद के कलक्टरगंज से बनने वाले इंटरचेंज का निर्माण कार्य भी अभी बाकी है।40 अंडरपास का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन सर्विस रोड और फ्लाईओवर की एप्रोच रोड निर्माणाधीन है।

अन्य जिलों में धीमी गति से काम

गंगा एक्सप्रेस-वे केवल शाहजहांपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह 12 जिलों से होकर गुजरेगा। इन जिलों में मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, और प्रयागराज शामिल हैं। हालांकि शाहजहांपुर में काम पूरा होने पर भी, दूसरे जिलों में धीमी गति से चल रहे निर्माण कार्य के कारण वाहन संचालन में देरी हो सकती है।

निर्माण कार्य में देरी के अलावा, अब फिनिशिंग के कार्य जैसे लाइटिंग और तकनीकी जांच में भी समय लगेगा। इसके बाद ही गंगा एक्सप्रेस-वे पर वाहन संचालन की अनुमति मिल पाएगी।