हरियाणा के इन शहरी वासियों की हुई बल्ले-बल्ले, शहरों में सरकार विकसित करेगी नए सेक्टर, देखें लिस्ट
Haryana News: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि नागरिकों को बेहतर आवासीय वातावरण प्रदान करने के लिए हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण पहले चरण में पायलट परियोजनाओं के रूप में पंचकूला के कोट बिल्ला शहरी परिसर में सेक्टर-14-16, 22 और पिंजौर-कालका में सेक्टर-23 का विकास करेगा।
मुख्यमंत्री आज हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर दे रहे थे।
श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि विपक्ष को हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की याद आई है। यह वही प्राधिकरण है जिसकी नींव कांग्रेस सरकार में खोखली कर दी गई थी। उस समय भूमि अधिग्रहण का डर दिखाकर किसानों को अपनी जमीन कौड़ियों के भाव बेचने पर मजबूर किया जाता था। यह वह भूमि थी जिस पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टर बनाए जाने थे। इससे प्राधिकरण का काम रुक गया और वह घाटे में चला गया।
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उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को घाटे से उबारा है। अब यह शहरी क्षेत्रों के 41 सेक्टरों में भूमि अधिग्रहण कर रहा है। यह भूमि अधिग्रहण ई-भूमि पोर्टल या लैंड पूलिंग नीति के माध्यम से किया जाएगा।
कांग्रेस राज में कॉलोनियों को विकसित करने का कोई रोडमैप नहीं था श्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि कांग्रेस राज में कॉलोनियों को विकसित करने का कोई रोडमैप नहीं था, कोई भी व्यक्ति कहीं भी कॉलोनी काट लेता था, जिसके कारण लगातार अवैध कॉलोनियों का विकास होता रहा। वर्तमान राज्य सरकार का अवैध कॉलोनियों पर पूर्ण नियंत्रण है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछली सरकार में विकसित कॉलोनियों को भी नियमित कर दिया है। कांग्रेस के 10 साल के शासन के दौरान 874 कॉलोनियों को नियमित किया गया और हजारों कॉलोनियों को तितर-बितर कर दिया गया। वर्तमान राज्य सरकार ने उन 2,147 कॉलोनियों को नियमित कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अवैध कॉलोनियों के खिलाफ नियमित आधार पर आवश्यक कार्रवाई कर रही है। इसमें अवैध कॉलोनियों को ध्वस्त करना और उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है। जनवरी, 2015 से अब तक 6,904 ऐसी कॉलोनियों की पहचान की गई है। अब तक 26,650 एकड़ में फैली 3,937 कॉलोनियों को ध्वस्त किया जा चुका है। इसके अलावा 1,879 उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन में विपक्ष द्वारा उठाए गए नगर निकायों में एस.सी. वार्डों की संख्या में कटौती के मुद्दे पर जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि नगर निगम चुनावों के लिए अनुसूचित जाति के लिए सीटों/वार्डों का आरक्षण हरियाणा नगर निगम अधिनियम की धारा 11(1) में उल्लिखित प्रावधान के अनुसार संबंधित नगर निगम में अनुसूचित जाति की जनसंख्या के अनुपात में किया जाता है।
अनुसूचित जाति की जनसंख्या का अनुपात ज्ञात करने के लिए संबंधित नगर निगम की कुल जनसंख्या तथा उसमें अनुसूचित जाति की जनसंख्या को नवीनतम जनगणना के आधार पर लिया जाता है। यह व्यवस्था भारत के संविधान के अनुच्छेद 243टी और अनुच्छेद 243पी(जी) के प्रावधानों के अनुरूप है। इसी प्रकार, राज्य के सभी नगरपालिका चुनावों में अनुसूचित जातियों के लिए सीटें/वार्ड आरक्षित किये गये। अनुसूचित जाति वार्डों के आरक्षण में कोई कमी नहीं की गई है।