पंजाब सरकार के आदेशों का नहीं हो रहा पालन! सरेआम पराली को लगाई जा रही आग
Punjab News: पंजाब के गुरदासपुर में किसान सरकारी आदेशों की अवहेलना करते हुए दिनदहाड़े पराली में आग लगा रहे हैं, जिससे पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. लोगों को गंभीर सांस लेने और आंखों में जलन हो रही है। जिला प्रशासन और डीसी गुरदासपुर बार-बार किसानों से पराली न जलाने की अपील कर रहे हैं, लेकिन कई किसान ऐसे हैं जो इन आदेशों को नजरअंदाज कर पराली जला देते हैं। अलग-अलग गांवों में किसान अपने खेतों में पराली जला रहे हैं. उन्होंने कहा कि गेहूं की बुआई होने के कारण किसानों के पास पराली को आग लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
अगर किसान इस पराली को जलाने की बजाय उससे खाद बनाते हैं तो उन्हें करीब 07,000 रुपये खर्च करने पड़ेंगे. पहले ही किसानों को बुआई से लेकर कटाई तक 20,000 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं. यदि सरकार संरक्षण की उचित व्यवस्था करे तो कोई भी किसान पराली में आग नहीं लगाएगा, इसलिए सरकार को इसकी उचित व्यवस्था करनी चाहिए।
हरियाणा में पराली की हालत खराब
सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार के बावजूद हरियाणा के अंबाला में पराली जलाने का मामला थम नहीं रहा है. बुधवार देर शाम एक किसान ने अपने खेत में पुआल में आग लगा दी, जिसके बाद खेत से धुआं उठने लगा. हालांकि पुलिस अधिकारी इस मुद्दे पर सख्ती से बात कर रहे हैं, लेकिन किसान लगातार पराली जला रहे हैं और पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर
इन दिनों हरियाणा, पंजाब, दिल्ली समेत कई राज्यों की हवा में जहर फैल रहा है, जिस पर अब सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है और सीधे तौर पर पुलिस को तीखे अंदाज में चेतावनी दी है. अगर कहीं पराली जलाई गई तो संबंधित थाने के थानेदार इसके लिए जिम्मेदार होंगे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर अंबाला में भी देखने को मिला और पुलिस प्रशासन किसानों को जागरूक करने के लिए पुलिस स्टेशनों से आगे निकलकर खेतों और गांवों तक पहुंच गया है. प्रशासन किसानों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बता रहा है.
किसानों को जागरूक किया जा रहा है
अंबाला एएसपी दीपक ने कहा कि कृषि विभाग पहले ही पराली जलाने वालों के चालान जारी कर चुका है। कार्रवाई के दौरान जहां भी जरूरत पड़ी, वहां पुलिस मौजूद रही. पुआल जलाने को लेकर कई मामले दर्ज किये गये हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्थानीय पुलिस के साथ गठित कमेटी किसानों के बीच जाकर उन्हें जागरूक कर रही है. उन्हें बताया जाता है कि पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है और यह कानूनी अपराध भी है। इसे रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं.