हरियाणा में नए जिले बनाने की परियोजना हो गई शुरू, इन शहरों का नाम लिस्ट में शामिल
हरियाणा में नए जिलों बननें का निर्णय अब साफ हो चुका हैं। मुख्य सचिव नें पत्र लिखकर जारी कर दिया की फरवरी में जनगणना का काम शुरू हो जाएगा। जनगणना के बाद 2026 से 31 मार्च, 2027 नए जिलों के नामों की घोसणा हो जाएगी। प्रदेश में नए जिले, मंडल, तहसील और उप- तहसील बनाने को लेकर प्रदेश सरकार ने विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर रखी है. इसमें राजस्व एवं निकाय मंत्री विपुल गोयल, संसदीय कार्य मामले मंत्री महिपाल ढांडा और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा शामिल हैं.

Haryana Good News : हरियाणा में नए जिलों बननें का निर्णय अब साफ हो चुका हैं। मुख्य सचिव नें पत्र लिखकर जारी कर दिया की फरवरी में जनगणना का काम शुरू हो जाएगा। जनगणना के बाद 2026 से 31 मार्च, 2027 नए जिलों के नामों की घोसणा हो जाएगी। प्रदेश में नए जिले, मंडल, तहसील और उप- तहसील बनाने को लेकर प्रदेश सरकार ने विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता में कमेटी गठित कर रखी है. इसमें राजस्व एवं निकाय मंत्री विपुल गोयल, संसदीय कार्य मामले मंत्री महिपाल ढांडा और कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा शामिल हैं.
पिछले साल 4 दिसंबर को गठित कमेटी का कार्यकाल चार मार्च को पूरा हो गया था, जिसके बाद कमेटी का कार्यकाल 30 जून तक बढ़ा दिया गया था. प्रशासनिक सीमाओं में बदलाव के लिए कई बैठकें कर चुकी कमेटी का यह कार्यकाल भी सोमवार को पूरा हो गया था लेकिन राज्य सरकार की ओर से जल्द ही इस कमेटी को फिर से 31 दिसंबर तक के लिए एक्सटेंशन देने की तैयारी है.
हिसार के हांसी, सिरसा के डबवाली, करनाल के असंध, जींद के सफीदों व सोनीपत के गोहाना को नया जिला बनाने की योजना पर काम हो रहा है.हरियाणा सरकार ने नए जिले, तहसील, उप- तहसील और उपमंडल बनाने के लिए कैबिनेट सब-कमेटी गठित की है. इस कमेटी ने कुछ नियम तय किए हैं जिनके तहत नए जिलों का गठन होगा. प्रस्तावित जिले में कम से कम 4 लाख की आबादी और 80 हजार हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए.
नए जिले बनाने के लिए संबंधित जिला उपायुक्तों की सिफारिश, ब्लाक समिति के प्रस्ताव, संबंधित विधानसभा के विधायक का प्रस्ताव और नगर पालिका या नगर निगम का प्रस्ताव जरूरी है. यदि किसी गांव को किसी उप- तहसील या तहसील में शामिल किया जाना है, तो उसके लिए संबंधित गांव के सरपंच का प्रस्ताव होना जरूरी है. कैबिनेट सब- कमेटी जिला उपायुक्तों से जरूरी दस्तावेज पूरे करवाकर भिजवाने को कहती है, जिसके बाद कमेटी उन पर फैसला लेती है.