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बिहार वालों के रास्ते होंगे मस्त मस्त, छोटे छोटे गांवों से अब पटना दूर नहीं, नीतीश कुमार की योजना करेगी वारे न्यारे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं बिहार के कई हिस्सों में चल रहे विकास कार्यों को खुद ही देख रहे हैं। इसके अलावा उनके मन में बिहार को लेकर कई तरह के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसी प्रोजेक्ट के तहत एक सपना है बिहार के किसी शहर से लोगों को 4 घंटे में पटना पहुंचाना। बिहार सरकार अगले पांच सालों में ये काम करके दिखाने वाली है। इसकी कार्ययोजना पूरी तरह प्रस्तावित है। इसके तहत राज्य में एक्सप्रेस-वे और हाईवे के निर्माण की कार्यवाही जारी है।
 
बिहार वालों के रास्ते होंगे मस्त मस्त, छोटे छोटे गांवों से अब पटना दूर नहीं, नीतीश कुमार की योजना करेगी वारे न्यारे

Bihar Expressway : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं बिहार के कई हिस्सों में चल रहे विकास कार्यों को खुद ही देख रहे हैं। इसके अलावा उनके मन में बिहार को लेकर कई तरह के प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इसी प्रोजेक्ट के तहत एक सपना है बिहार के किसी शहर से लोगों को 4 घंटे में पटना पहुंचाना। बिहार सरकार अगले पांच सालों में ये काम करके दिखाने वाली है। इसकी कार्ययोजना पूरी तरह प्रस्तावित है। इसके तहत राज्य में एक्सप्रेस-वे और हाईवे के निर्माण की कार्यवाही जारी है।

मुख्यमंत्री ने दिया आदेश

इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक दिन पहले एक समीक्षा बैठक की। इतना ही नहीं उन्होंने एक अणे मार्ग में अधिकारियों के साथ बैठक में बिहार में प्रस्तावित और निर्माणाधीन चार एक्सप्रेस-वे और हाईवे को लेकर बड़ी बैठक की। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री की ओर से साफ कहा गया कि इन एक्सप्रेस-वे के निर्माण से राज्य में आवागमन की सुविधा को एक नई गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि बिहार के किसी भी शहर से लोग आराम से 4 घंटे में पटना पहुंच सकेंगे। बिहार में सड़कों का एक विस्तृत नेटवर्क बनाया जाएगा। इसके लिए भू अर्जन विभाग को सही तरीके से काम करने का निर्देश जारी किया गया है। इसमें किसी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए।

एक्सप्रेस-वे का बिछेगा जाल

मुख्यमंत्री ने समीक्षा के क्रम में सभी चार प्रमुख प्रोजेक्ट की ओर अधिकारियों का ध्यान दिलाया। वहीं दूसरी ओर मुख्य सचिव की ओर से बताया गया कि इसके तहत 1575 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे पथ के निर्माण पर कुल 84 हजार 734 करोड़ खर्च करने का प्लान है। इसमें बिहार के पथों की लंबाई कुल 1063 किलोमीटर होगी। इस पर भी 59 हजार 173 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। जिन एक्सप्रेस-वे की समीक्षा की गई, उसमें बिहार के आठ जिले शामिल हैं। जिसमें पश्चिम और पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज से होकर ये एक्सप्रेस-वे गुजरने वाला है। 600 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे का 415 किलोमीटर हिस्सा बिहार में होगा। इसके लिए 100 मीटर की चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।

रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे

इसके अलावा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे की समीक्षा की गई। ये नेपाल बॉर्डर पर रक्सौल में स्थित अंतरराष्ट्रीय चेक पोस्ट के निकट बंदरगाह हल्दिया से तुरंत संपर्क स्थापित करने वाले प्रोजेक्ट का निर्माण किया जाएगा। 702 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे का 367 किलोमीटर वाला हिस्सा बिहार में पड़ेगा। ये हिस्सा बिहार के पूर्वी चंपारण, शिवहर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, बेगूसराय और लखीसराय के अलावा जमुई और बांका जिलों से होकर गुजरेगा। इसके लिए भी जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही की जानी है।

आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे

मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में जिन अन्य दो एक्सप्रेस-वे निर्माण के लिए बातचीत की गई। इसमें पटना रिंग रोड में प्रस्तावित दिघवारा ब्रिज से शुरू होकर पूर्णिया तक एक सड़क का निर्माण किया जाएगा। ये एक्सप्रेस-वे 250 किलोमीटर लंबा होगा। ये बिहार के जिन जिलों से होकर गुजरेगा। उसमें सारण, वैशाली, दरभंगा, सहरसा, मधेपुरा और पूर्णिया शामिल होंगे। इसके लिए 100 मीटर चौड़ाई में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके अलावा आमस दरभंगा एक्सप्रेस-वे में बोधगया-राजगीर का संपर्क बढ़ाने के लिए 4 लेन की सड़क का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 45 मीटर चौड़ाई में भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।