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हरियाणा की सैनी सरकार ने इन पेंशनर्स को दी बड़ी सौगात, पेंशन कर दी दोगुनी, जानें 

 
 
Haryana Pension Scheme

Haryana News: हरियाणा की सैनी सरकार ने पेंशनर्स को दिया डबल धमाका! अब स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रही और आपातकाल के सत्याग्रही महीने के आखिरी दिनों में कर्ज मांगने से बचेंगे। जी हां, सरकार ने उनकी मासिक पेंशन दोगुनी कर दी है। जहां पहले उन्हें 10,000 रुपये मिलते थे, वहीं अब उन्हें हर महीने 20,000 रुपये मिलेंगे।

लाभों की बौछार सिर्फ पेंशन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि सरकार ने सत्याग्रहियों के लिए और भी जबरदस्त फैसले लिए हैं। अब आपको हरियाणा रोडवेज की साधारण बसों में मुफ्त यात्रा का लाभ मिलेगा। यदि कोई एसी में यात्रा करना पसंद करता है तो वोल्वो बसों में भी 75% छूट की पेशकश की जाती है।

इसका मतलब यह है कि यात्रा भी आरामदायक और सस्ती है! इतना ही नहीं, आयुष्मान भारत योजना के तहत आपको 5 लाख रुपए तक का मुफ्त इलाज भी मिलेगा। कुल मिलाकर सरकार ने पेंशनभोगियों को वीआईपी सुविधा देने का निर्णय लिया है।

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आपको दोहरा लाभ कब मिलेगा?

अब भैया, ये सपने बेचने वाली सरकार नहीं है! बढ़ी हुई पेंशन 1 जुलाई से लागू होगी। दूसरे शब्दों में कहें तो, अब बुजुर्गों के लिए मध्य वर्ष बोनस तय कर दिया गया है। ऐसे घर में गृहिणी खुश है और पेंशनभोगी खुश है! सरकार का कहना है कि यह कदम देश की सेवा करने वालों को सम्मानित करने के लिए उठाया गया है।

लाभार्थी कौन हैं?

अब सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि ये लाभ किसे मिलेगा? तो भैया, इसमें स्वतंत्रता सेनानी, हिंदी आंदोलन-1957 के मातृभाषा सत्याग्रही और आपातकाल के दौरान लोकतंत्र की रक्षा के लिए लड़ने वाले लोग भी शामिल हैं। यह सुविधा हरियाणा राज्य शुभ ज्योत्सना पेंशन योजना के तहत प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, "हम देश की आजादी और संविधान की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले सभी लोकतंत्र सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।" यह पेंशन महज एकमुश्त राशि नहीं है, बल्कि उनके योगदान के प्रति सम्मान है।

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बुजुर्गों का जीवन संवरेगा हरियाणा सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि बुजुर्गों को किसी भी प्रकार की आर्थिक परेशानी का सामना न करना पड़े। अब जिन लोगों को पेंशन मिलेगी, वे हर महीने धनतेरस मना सकेंगे।

सरकार का यह निर्णय दर्शाता है कि बुजुर्गों के प्रति सम्मान केवल भाषणों तक ही सीमित नहीं है। इसके बजाय, उनकी जेबों में अच्छी रकम डाली जा रही है ताकि वे अपनी जरूरतों को आराम से पूरा कर सकें।