उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, राज्य की जिम्मेदारी है हर नागरिक की सुरक्षा
UP News : उत्तर प्रदेश के हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक फैसला सुनाया है, जिसमें राज्य को हर नागरिक की सुरक्षा का कर्तव्य सौंपा गया है। यह फैसला खासकर उन मामलों में महत्वपूर्ण है जहां जेल में बंद आरोपी के इलाज या सुरक्षा में कोई कमी हो। हाईकोर्ट ने इस फैसले में यह स्पष्ट किया कि राज्य को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जेल में बंद सभी कैदियों को समय पर और उचित इलाज मिले, चाहे कोई भी स्थिति क्यों न हो।
हाईकोर्ट ने क्यों लिया यह फैसला?
उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस फैसले को एक जेल में बंद आरोपी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। याचिका में यह बताया गया कि देवरिया जिला जेल में एक कैदी के इलाज में लापरवाही बरती गई थी, क्योंकि जेल प्रशासन ने पुलिस बल की कमी का हवाला दिया था। पुलिसकर्मियों की चुनावी ड्यूटी को कारण बताते हुए आरोपी का इलाज नहीं किया गया था।
कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि चुनाव या किसी भी अन्य कार्य के कारण जेल में बंद व्यक्ति को इलाज से वंचित नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि जेल में बंद प्रत्येक व्यक्ति को उचित और समय पर चिकित्सा सुविधा मिले।
उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट का आदेश
राज्य की जिम्मेदारी: कोर्ट ने स्पष्ट किया कि राज्य की जिम्मेदारी है कि वह प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा करे, चाहे वह जेल में हो या बाहर। जेल प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि बंदियों को समय पर और उचित इलाज मिले, और यह कि चुनाव या किसी अन्य कार्य की वजह से इलाज में देरी नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने देवरिया के डीएम और एसपी को निर्देश दिया कि वे मामले की व्यक्तिगत रूप से जांच करें और हलफनामा दाखिल करें।कोर्ट ने यह भी कहा कि जेल में किसी भी बंदी को इलाज में किसी प्रकार की देरी या लापरवाही नहीं होनी चाहिए।
राज्य सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए?
जेलों में मेडिकल सुविधाओं की स्थिति क्या है? क्या जेलों में पर्याप्त संख्या में डॉक्टर और मेडिकल कर्मचारी हैं? राज्य को अपनी जेलों के इलाज की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कौन से कदम उठाने चाहिए? यह निर्णय जेलों में सुधार के लिए एक अहम कदम हो सकता है और राज्य सरकार को इस दिशा में त्वरित कदम उठाने के लिए प्रेरित कर सकता है।
