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राजस्थान का यह इलेक्ट्रिक एक्सप्रेस आया विवादों मे, 3 दिन से ग्रामीणों का धरना जारी, फटाफट देखे पूरा मामला 

 
Bandikui Expressway Controversy : 

Bandikui Expressway Controversy :  राज्य का एकमात्र पहला इलेक्ट्रिक एक्सप्रेस-वे दौसा में बन रहा है, लेकिन काम पूरा होने से पहले ही यह विवादों में आ गया है। (highway)पिछले 3 दिनों से बड़ी संख्या में ग्रामीण एक्सप्रेसवे का काम रोकने के लिए धरना दे रहे हैं. (Bandikui highway)ग्रामीणों की मांग है कि बांदीकुई से जयपुर के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है, (state highway)लेकिन बांदीकुई में ही कोई कट नहीं होने से स्थानीय लोगों को एक्सप्रेसवे से कनेक्टिविटी नहीं मिलेगी.(expressway of india) एक्सप्रेसवे पर एंट्री-एग्जिट कनेक्टिविटी की मांग को लेकर बड़ी संख्या में महिलाएं और छोटे बच्चे पिछले तीन दिनों से एक्सप्रेसवे पर बैठे हुए हैं.

धरने में शामिल ग्रामीणों ने कहा कि या तो प्रशासन बांदीकुई क्षेत्र के लोगों को एक्सप्रेस-वे पर शीघ्र इंटरचेंज कनेक्टिविटी उपलब्ध कराए, अन्यथा वे आर-पार की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं. इस बीच, धरने में शामिल संघर्ष समिति के सदस्यों ने ग्रामीणों से बुधवार को अपने मवेशी लाकर एक्सप्रेसवे पर बांधने को कहा है और मांगें जल्द पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है.

एक्सप्रेस-वे में 10 गांवों की जमीन अधिग्रहीत: भारत माला परियोजना के तहत सुमेल से बगराना जयपुर तक 67 किमी लंबे छह लेन एक्सप्रेस-वे को एनएच 4सी नाम दिया गया है, जो देश का पहला इलेक्ट्रिक एक्सप्रेस-वे भी होगा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, एक्सप्रेसवे के निर्माण के कारण बांदीकुई क्षेत्र के 10 गांवों के किसानों की जमीन पर कब्जा कर लिया गया था.

290.16 बीघा जमीन अधिग्रहित : बांदीकुई एसडीएम मनीष कुमार जाटव ने बताया कि बांदीकुई-बगराना जयपुर एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए बांदीकुई क्षेत्र के 10 गांवों के किसानों की कुल 72.54 हेक्टेयर (290.16 बीघा) जमीन अधिग्रहित की गई है.... ग्रामीणों के लिए मुआवजे का कोई मसला नहीं है. वे बांदीकुई क्षेत्र को ग्रामीण एक्सप्रेस-वे से जोड़ने का विरोध कर रहे हैं. ऐसे में मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया है। एनएचएआई के मुताबिक, बांदीकुई-बगराना एक्सप्रेसवे पर सिर्फ तीन जगह संपर्क टूटा है.

आश्वासन तो मिले, लेकिन काम नहीं: एक्सप्रेस-वे पर प्रदर्शनकारियों के साथ धरना दे रहे जिला परिषद सदस्य प्रतिनिधि एवं संघर्ष समिति सदस्य महेशचंद शर्मा ने कहा कि बांदीकुई-बगराना एक्सप्रेस-वे पर श्यामसिंहपुरा व द्वारापुरा के बीच कनेक्टिविटी के लिए इंटरचेंज निर्माण की मांग लंबे समय से की जा रही है. सालों के लिए। इस बारे में कई बार सांसद, विधायक और मंत्रियों को अवगत कराया जा चुका है, लेकिन हर बार नेता हमें मीठी-मीठी गोलियां और आश्वासन देते हैं, लेकिन आज तक इस पर कोई काम नहीं हुआ. उनका कहना है कि अगर बांदीकुई तक कनेक्टिविटी के लिए एक्सप्रेसवे पर इंटरचेंज बनाया जाता है तो इससे आसपास के करीब 25 हजार लोगों को सीधा फायदा होगा, साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे.

मांगें पूरी नहीं हुईं तो लोकसभा चुनाव का करेंगे बहिष्कार : धरने पर बैठे ग्रामीण अब धैर्य रख रहे हैं. मौजूद सभी लोग प्रशासन के खिलाफ गुस्से में हैं. पंचोली ने कहा, "अगर सरकार और प्रशासन ने जल्द ही हमारी मांगें पूरी नहीं कीं तो हम दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को ब्लॉक कर देंगे।" इसके लिए चाहे हमें अपनी जान गवानी पड़े। उन्होंने कहा, "अगर हमारी मांगें जल्द ही पूरी नहीं की गईं तो हम आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेंगे और बड़ी संख्या में भाजपा पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा देंगे।"

थाना प्रभारी पर धमकाने का आरोप : बैठक के दौरान लोगों ने कोलवा थाना प्रभारी पर धरने में शामिल महिलाओं व पुरुषों को धमकाने का भी आरोप लगाया. लोगों ने बताया कि मंगलवार सुबह कोलवा थाना प्रभारी जन्मेजाराम धरना स्थल पर आये और प्रदर्शनकारियों को जेल में बंद करने की धमकी दी. हालांकि, कोई भी स्थानीय अधिकारी इस मामले पर टिप्पणी करने को तैयार नहीं है.

प्रतिनिधिमंडल आज केंद्रीय मंत्री से मिलेगा: प्रदर्शनकारियों ने कहा कि बांदीकुई विधायक भागचंद तन्कर, सिकराय विधायक विक्रम बंशीवाल और दौसा सांसद जसकौर मीना सहित ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल आज दिल्ली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मिलेगा. धरना दे रहे ग्रामीणों का कहना है कि अगर वहां बातचीत से हल नहीं निकला तो वे आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे.