राजस्थान में जेलों से धमकी देने का सिलसिला, कैसे पहुंच रहे हैं बदमाशों तक मोबाइल फोन

Rajasthan News : राजस्थान में जेलों से बदमाशों द्वारा लगातार धमकियां देने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। यह घटना केवल आम लोगों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब राज्य के मुख्यमंत्री तक भी इन धमकियों का शिकार हो चुके हैं। हाल ही में, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दूसरी बार दौसा की जेल से धमकी दी गई थी। इसने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिरकार सलाखों के पीछे बंद इन बदमाशों तक मोबाइल फोन और सिम कैसे पहुंच रहे हैं।
राजस्थान की जेलों में बदमाशों की गैंग सक्रिय
राजस्थान की जेलों में गैंगस्टर और हार्डकोर बदमाश सलाखों के पीछे रहते हुए भी गैंग चला रहे हैं। वे जेल से बाहर बड़े कारोबारियों को धमकियां दे रहे हैं और रंगदारी वसूल रहे हैं। पुलिस ने हाल ही में जेलों में मोबाइल पहुंचाने वाली एक लंबी चौड़ी फौज को गिरफ्तार किया है। डीसीपी अमित कुमार बुढानिया की अगुवाई में जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने हाल ही में चित्रकूट, वैशाली नगर और हरमाड़ा थाना पुलिस की मदद से 44 बदमाशों को गिरफ्तार किया था।
जेल से धमकियां देने वाले गैंग्स का पर्दाफाश
इस गैंग रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पुलिस ने बताया कि अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड के आरोपी भी जेल में बैठकर धमकियां दे रहे थे। इस मामले में पुलिस ने सबसे पहले अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल के दो कर्मचारियों सहित 11 बदमाशों को गिरफ्तार किया। इन बदमाशों का मुख्य उद्देश्य जयपुर और शेखावाटी के प्रोपर्टी और शराब कारोबारियों से रंगदारी वसूलना था।
जेल से धमकियां देने की प्रक्रिया
जेल में बंद बदमाशों तक मोबाइल फोन और सिम कैसे पहुंचते हैं, यह एक बड़ा सवाल है। पुलिस द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि कुछ गैंग्स के सदस्य जेल में बंद बदमाशों के लिए मोबाइल फोन और सिम कार्ड उपलब्ध कराते थे। इसके बाद ये गैंग्स टारगेट चिन्हित करके कारोबारियों के नाम और मोबाइल नंबर जेल में बंद बदमाशों तक पहुंचाते थे। इसके बाद बदमाशों के इशारे पर धमकियां दी जाती थीं।
लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा की गैंग से जुड़ी तार
राजस्थान पुलिस ने भले ही इस धमकी देने वाले गैंग को पकड़ने में सफलता प्राप्त की हो, लेकिन जेल से मोबाइल फोन के जरिए धमकियों पर ब्रेक लगाना अभी भी पुलिस और जेल महकमे के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार, इस अपराध में लॉरेंस बिश्नोई और रोहित गोदारा की गैंग भी शामिल हैं। हालांकि पुलिस औचक छापेमारी और सर्च कर इस तरह के मामलों को रोकने का प्रयास कर रही है, लेकिन अभी भी इसका समाधान पूरी तरह से नहीं निकला है।
पुलिस की कार्रवाई और चुनौती
पुलिस ने इस मामले में तेजी से कार्रवाई करते हुए कई गैंग्स के सदस्यों को गिरफ्तार किया, लेकिन जेलों से मोबाइल फोन और सिम का जाल तोड़ना अभी भी एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। जेल अधिकारियों के साथ मिलकर पुलिस इस बात पर काम कर रही है कि कैसे इन गैंग्स को पूरी तरह से पकड़ा जा सके और जेलों में सुरक्षा बढ़ाई जा सके।