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हरियाणा में जलघरों के ट्यूबवेल ऑपरेटरों को मिल नई सौगात! सैनी सरकार ने दे दिया यह बड़ा तोहफा, जानें 

हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने प्रदेश के जलघरों में कार्यरत ट्यूबवेल ऑपरेटरों को एक बड़ी सौगात दी है। सरकार ने इन कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी का फैसला लिया है। यह कदम राज्य सरकार के विकास और पंचायत विभाग की ओर से उठाया गया है और इसके परिणामस्वरूप करीब 6,000 ट्यूबवेल ऑपरेटरों को अब अधिक वेतन मिलेगा।
 
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Haryana: हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने प्रदेश के जलघरों में कार्यरत ट्यूबवेल ऑपरेटरों को एक बड़ी सौगात दी है। सरकार ने इन कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी का फैसला लिया है। यह कदम राज्य सरकार के विकास और पंचायत विभाग की ओर से उठाया गया है और इसके परिणामस्वरूप करीब 6,000 ट्यूबवेल ऑपरेटरों को अब अधिक वेतन मिलेगा।

मुख्यमंत्री नायब सैनी और भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधिमंडल के बीच शनिवार को चंडीगढ़ में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था। इस बैठक में लिए गए फैसलों को लागू करने के लिए मुख्य सचिव और भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधियों के बीच मंगलवार को एक बैठक आयोजित की जाएगी।

शनिवार को चंडीगढ़ में सीएम नायब सैनी और भारतीय मजदूर संघ के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक हुई, जिसमें यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में लिए गए निर्णयों को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए मंगलवार यानी आज चंडीगढ़ में प्रधान सचिव और भारतीय मजदूर संघ के प्रतिनिधियों के बीच बैठक होगी। आज।

विकास एवं पंचायत विभाग की ओर से सोमवार को जारी पत्र में ट्यूबवेल ऑपरेटरों की फीस में बढ़ोतरी की सूचना दी गई। 6,000 ग्रामीण कुआं संचालकों का वेतन भी लंबित है, शनिवार को हुई बैठक में इस पर सहमति बनी। इन सभी कर्मचारियों को हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) में स्थानांतरित किया जाएगा।

प्रदेश में जलकल विभाग में कार्यरत करीब 6 हजार ट्यूबवेल ऑपरेटरों को अब 11,691 रुपये की जगह 12,342 रुपये मासिक शुल्क मिलेगा। राज्य सरकार ईपीएफ शुल्क का 13% योगदान देगी, जिसमें 1% वैट शामिल है। शुल्क का 3.25% ईएसआई लाभ प्रदान किया जाएगा। 

सेवाकाल के दौरान नलकूप ऑपरेटर की मृत्यु होने पर उसे राज्य सरकार की दयालु-2 योजना का लाभ मिलता है। वहीं, रिटायरमेंट पर 2 लाख रुपये की एकमुश्त आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। हरियाणा सरकार का यह कदम ट्यूबवेल ऑपरेटरों के लिए एक सकारात्मक बदलाव साबित होगा। उनके वेतन में बढ़ोतरी और अन्य लाभ उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में मदद करेंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जल आपूर्ति की व्यवस्था और भी बेहतर होगी।