लखनऊ-गोरखपुर एक्सप्रेसवे का काम हुआ समाप्त, जल्द ही वहां भरेंगे फराटा
Gorakhpur Link Expressway : उत्तर प्रदेश सरकार का महत्वाकांक्षी गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे अब पूरी तरह तैयार है। महाकुंभ के समापन के बाद इस एक्सप्रेस वे का निर्माण 100 फीसदी पूरा कर लिया जाएगा, जिससे लखनऊ और गोरखपुर के बीच यात्रा का समय आधा हो जाएगा। इस परियोजना की लागत करीब 5876 करोड़ रुपये आई है, और यह क्षेत्रीय विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे 91.35 किलोमीटर लंबा और चार लेन का एक्सप्रेस वे है। यह एक्सप्रेस वे गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकरनगर, और आजमगढ़ जैसे महत्वपूर्ण जिलों के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। इस परियोजना से इन क्षेत्रों के लोगों को लखनऊ जाने में सुविधा मिलेगी और औद्योगिक, कृषि, और पर्यटन क्षेत्र में भी वृद्धि होगी।
यात्रा का समय कम होगा
इस एक्सप्रेस वे के चालू होने से लखनऊ और गोरखपुर के बीच यात्रा का समय लगभग साढ़े तीन घंटे तक सीमित हो जाएगा। वर्तमान में यह यात्रा समय में अधिक समय लेती है, लेकिन एक्सप्रेस वे के कारण यह यात्रा काफी तेज और आरामदायक हो जाएगी।
एक्सप्रेस वे के निर्माण में एक प्रमुख चुनौती बेलघाट के पास सरयू नदी की धारा थी। इसकी वजह से एप्रोच मार्ग को सुरक्षित करना था। इस चुनौती को हल करने के लिए सेतु निगम ने तीन स्तरीय सुरक्षा घेरा तैयार किया है। इस सुरक्षा उपाय के तहत नदी में शीट पाइल की दीवार लगाई गई है, टेक्सटाइल ट्यूब का उपयोग किया जा रहा है, और ड्रेजर चैनल के जरिए नदी की धारा को मोड़ा गया है। इस सुरक्षा उपाय के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च किया गया है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे पर यात्री सुविधाओं के लिए दो यूटिलिटी सेंटर बनाए जा रहे हैं। इन सेंटरों में पेट्रोल पंप, सीएनजी पंप, होटल, रेस्त्रां और वाहनों की मरम्मत की व्यवस्था उपलब्ध होगी। इन सेंटरों का निर्माण लगभग 30 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है, जिससे यात्रियों को पूरी यात्रा के दौरान सुविधाएं मिलेंगी।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे का निर्माण न केवल यात्रा की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि इससे संबंधित क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास भी होगा। यह एक्सप्रेस वे कृषि उत्पादों के परिवहन को सुगम बनाएगा, जिससे किसानों को अपने उत्पादों को लखनऊ और अन्य शहरों तक जल्दी पहुंचाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, औद्योगिक गतिविधियां और पर्यटन भी बढ़ेंगे, जिससे रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
