योगी सरकार का नेक फैसला, अब एक्सप्रेसवे के दोनों साइड बनाए जाएंगे अस्पताल
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर फूड प्लाजा की तर्ज पर अस्पतालों की व्यवस्था की जाए। इस कदम का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को तुरंत इलाज प्रदान करना और दुर्घटनाओं को कम करना है।

UP News : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राज्य के सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर फूड प्लाजा की तर्ज पर अस्पतालों की व्यवस्था की जाए। इस कदम का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों को तुरंत इलाज प्रदान करना और दुर्घटनाओं को कम करना है।
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े और मुख्यमंत्री की चिंता
उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ते आंकड़े मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। 2024 में राज्य में 46,052 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 34,600 लोग घायल हुए और 24,000 से अधिक मौतें हुईं। इन आंकड़ों को देखकर मुख्यमंत्री ने सख्त कदम उठाने की आवश्यकता महसूस की है और इस दिशा में कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देश
मुख्यमंत्री ने सभी संबंधित विभागों को समन्वय के साथ काम करने और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने का निर्देश दिया।सभी मार्गों पर 'ब्लैक स्पॉट' की पहचान की जाए और उन्हें सुधारने के उपाय किए जाएं।सभी एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर फूड प्लाजा की तरह अस्पतालों की व्यवस्था की जाए ताकि दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को समय पर चिकित्सा मिल सके।सभी मंडल मुख्यालयों के अस्पतालों में ट्रामा सेंटर, एंबुलेंस और प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती की जाए।
सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक प्रभावित जिले
सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों पर विचार करते हुए मुख्यमंत्री ने उन जिलों का उल्लेख किया, जहां सबसे अधिक हादसे हुए हैं। इनमें प्रमुख जिलों में हरदोई, मथुरा, आगरा, लखनऊ, कानपुर नगर, बुलंदशहर, प्रयागराज, सीतापुर, और मेरठ शामिल हैं। इन जिलों में सड़क हादसों में सबसे अधिक जनहानि हुई है, और इन क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।
जागरूकता और शिक्षा
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाना जरूरी है। इसके लिए, उन्होंने स्कूलों और कॉलेजों में सड़क सुरक्षा से संबंधित गतिविधियों को आयोजित करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, जिला और मंडल स्तर पर सड़क सुरक्षा समितियों की बैठकें आयोजित की जाएंगी, ताकि दुर्घटनाओं के कारणों का पता लगाया जा सके और उनका समाधान किया जा सके।