Success Story: दो बार असफलता, फिर भी नहीं मानी हार और बन गए IAS, जानिए IAS हितेश मीणा की कहानी

Success Story: UPSC सिविल सेवा परीक्षा भारत की सबसे कठिन और प्रतिष्ठित परीक्षाओं में गिनी जाती है। यह परीक्षा न सिर्फ ज्ञान, बल्कि धैर्य, निरंतरता और रणनीति की भी कसौटी है। ऐसे ही एक प्रेरणादायक उदाहरण हैं IAS हितेश मीणा, जिन्होंने दो बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी और तीसरे प्रयास में IAS अधिकारी बनकर यह साबित कर दिया कि सच्ची मेहनत कभी बेकार नहीं जाती।
UPSC की तैयारी
IAS हितेश मीणा ने अपने पहले दो प्रयास (2016 और 2017) में UPSC सिविल सेवा परीक्षा के प्रीलिम्स और मेन्स दोनों पास कर लिए थे। वे इंटरव्यू तक पहुंचने में भी सफल रहे, लेकिन दुर्भाग्यवश फाइनल मेरिट लिस्ट में जगह नहीं बना सके।
तीसरे प्रयास में (2018) उन्होंने न केवल UPSC CSE में ऑल इंडिया रैंक 417 हासिल की, बल्कि भारतीय वन सेवा परीक्षा (IFoS) भी पास की। उन्हें UPSC फाइनल लिस्ट में 977 अंक मिले और वे हरियाणा कैडर में IAS अधिकारी नियुक्त हुए।
हितेश मीणा की तैयारी का मंत्र
हितेश का मानना है कि UPSC जैसी परीक्षा में सफलता के लिए फोकस और दृढ़ता बेहद जरूरी है। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा "किताब मेरे को बता दो, एग्जाम कब है, कितनी किताब पढ़नी है और कोना कौन सा है. इसके बाद अगर कोई मेरे से आगे निकल जाए, तो मेरा नाम बदल देना।" उनके इस आत्मविश्वास ने ही उन्हें दो असफलताओं के बाद भी अडिग और अनुशासित बनाए रखा।
IAS रेनू सोगन से शादी
दिलचस्प बात यह है कि IAS हितेश मीणा ने 2019 बैच की ही IAS अधिकारी रेनू सोगन से शादी की है। यह जोड़ी न केवल निजी जीवन में बल्कि प्रशासनिक सेवा में भी एक मजबूत जोड़ी मानी जाती।