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राजस्थान में 13 लाख कारीगरों को एक साल में मिला ऋण 

कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड देकर मान्यता दी जाती है। उनके कौशल को उन्नत करने के लिए 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिसमें उन्हें प्रतिदिन 500 रुपये का वजीफा और 1000 रुपये का परिवहन भत्ता दिया जाता है।
 
राजस्थान में 13 लाख कारीगरों को एक साल में मिला ऋण 

Breaking News : कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड देकर मान्यता दी जाती है। उनके कौशल को उन्नत करने के लिए 5-7 दिनों का बुनियादी प्रशिक्षण और 15 दिन या उससे अधिक का उन्नत प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, जिसमें उन्हें प्रतिदिन 500 रुपये का वजीफा और 1000 रुपये का परिवहन भत्ता दिया जाता है।

जमानत-मुक्त ऋण की सुविधा

इस योजना में कारीगरों को टूलकिट खरीदने के लिए 15,000 रुपये तक की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावा, उन्हें 3 लाख रुपये तक का जमानत-मुक्त ‘उद्यम विकास ऋण’ दिया जाता है, जिसे 18 और 30 महीने की दो किस्तों में चुकाया जा सकता है। पहली किस्त 1 लाख और दूसरी किस्त 2 लाख रुपये की होती है।

कारीगरों के लिए वरदान साबित हो रही योजना

कार्यक्रम के दौरान दिया कुमारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार, यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। छोटे स्तर पर काम करने वाले इन कलाकारों को आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा है, और योजना की सफलता गर्व का विषय है।

1 लाख 30 हजार लोगों को मिला लोन

राजस्थान, विश्वकर्मा योजना में देश के शीर्ष पांच राज्यों में शामिल है। इस वर्ष योजना के तहत 04 लाख 28 हजार आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 01 लाख 30 हजार लोगों को लोन स्वीकृत किया गया है। इस योजना में चार में से एक व्यक्ति को ऋण स्वीकृति की गारंटी दी गई है, जिससे प्रदेश के कारीगरों को आर्थिक संबल प्राप्त हो रहा है।