राजस्थान वालों के हो गए व्यारे-न्यारे , राज्य में 67 हजार करोड़ से बनेंगे 28 फ्लाईओवर

Rajasthan 28 New Flyover : राजस्थान के सड़क परिवहन के विकास को चार चांद लगने का समय आ चुका हैं। दरसल दिल्ली सरकार ने राजस्थान वालों को 2 बड़ी सौगात दी हैं। दिल्ली सरकार ने राजस्थान में 28 नए फ्लाईओवर और नई सड़के बनाने की मंजूरी दी हैं। इन 2 परियोजना का कार्य जल्द ही शुरू किया जाएगा, इस परियोजना के कार्य के लिए 67 हजार करोड़ की मंजूरी दी हैं।
राजस्थान में 67 हजार करोड़ से सफर को राज्य सरकार बेहतर बनाने वाली हैं। न्यूज ऐजेंसी ANI के हवाले से एक रिपोर्ट में बताया गया है कि राजस्थान इस वर्ष कम से कम 2,829 किलोमीटर लंबी सड़कों के निर्माण की योजना के साथ देश के शीर्ष निवेश प्राप्त करने वाले राज्यों में शामिल है। राज्य सरकार ने भी 87,438 करोड़ रुपये सड़क विकास में निवेश करने का निर्णय लिया है।
इससे साफ है कि सड़क प्रदेश के बुनियादी ढांचे पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारों का विशेष फोकस है।बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक़, केंद्र ने वर्ष 2024-25 (FY25) के लिए 3.9 लाख करोड़ रुपये की कुल सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की घोषणा की है। इसमें से 1.42 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार का प्रत्यक्ष योगदान है, जबकि शेष राज्य सरकारों और निजी निवेशकों द्वारा वहन किया जाएगा।रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि असम को 0.5 लाख करोड़ रुपये मिले हैं, जिससे वहां 1,647 किमी सड़कें बनाई जाएंगी।
मेघालय को 0.25 लाख करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है, जिससे 136 किमी सड़कों का निर्माण होगा। गुजरात में भी बड़ी परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिसकी कुल लागत 97,892 करोड़ रुपये बताई जा रही है, इसलिए गुजरात शीर्ष पर है। वहीं, ओडिशा ने भी 27,400 करोड़ रुपये की परियोजनाएं घोषित की हैं। वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश भर में घोषित कुल 38.3 लाख करोड़ रुपये की नई निवेश परियोजनाएं इस दिशा में ऐतिहासिक कदम हैं।
यह 1996 के बाद दूसरा सबसे बड़ा वार्षिक निवेश है। इस राशि का 69% निवेश निजी क्षेत्र (घरेलू और विदेशी) से आ रहा है, जबकि 31% निवेश सार्वजनिक क्षेत्र द्वारा किया जा रहा है। बताते चलें कि सड़कें किसी भी राज्य की आर्थिक धमनियों के समान होती हैं। केंद्र और राज्य सरकारों के इस संयुक्त प्रयास से न केवल आवागमन आसान होगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों तक तेज़ और सुगम संपर्क स्थापित होगा, जिससे व्यापार, पर्यटन, लॉजिस्टिक्स और कृषि क्षेत्र को विशेष बढ़ावा मिलेगा।