राजस्थान में 70 हजार पेंशनभोगियों की अटकेगी पेंशन, जानें कारण
Rajasthan Pension: भारत में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से विभिन्न श्रेणियों में पेंशन राशि देती है। इस योजना का उद्देश्य वृद्ध, विधवा और विकलांग व्यक्तियों को मासिक पेंशन के रूप में सहायता प्रदान करना है। हालांकि, इस योजना के तहत मिलने वाले लाभों को जारी रखने के लिए पेंशनरों का वार्षिक भौतिक सत्यापन कराना अनिवार्य है।
क्यों जरूरी है सत्यापन?
सत्यापन से यह सुनिश्चित किया जाता है कि लाभार्थी जीवित हैं और योजना के पात्र हैं। इस प्रक्रिया के बिना, पेंशन योजना के लाभ में देरी हो सकती है या फिर लाभ पूरी तरह से रुक भी सकता है। इसलिए, लाभार्थियों को ई-मित्र के माध्यम से सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के पोर्टल पर अपना सत्यापन कराना जरूरी है।
दौसा जिले में सत्यापन की स्थिति
दौसा जिले में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत कुल 2 लाख 2 हजार 207 पेंशनर्स पंजीकृत हैं। इनमें से 1 लाख 30 हजार 821 पेंशनरों ने अब तक वार्षिक सत्यापन कराया है, जो कुल पेंशनर्स का 65% है। हालांकि, अभी भी करीब 70 हजार पेंशनर्स का सत्यापन बाकी है, जिन्हें जल्द से जल्द सत्यापन कराना होगा।
सत्यापन की प्रक्रिया और अंतिम तिथि
वार्षिक सत्यापन ई-मित्र के माध्यम से किया जाता है, और इसके लिए लाभार्थी को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के पोर्टल पर जाकर अपना जीवित रहने का प्रमाण देना होता है। सत्यापन की अंतिम तिथि 31 दिसम्बर थी, लेकिन तकनीकी कारणों से कई लाभार्थियों का सत्यापन नहीं हो सका है।
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सत्यापन
दौसा जिले के शहरी क्षेत्र में कुल 22 हजार 977 पेंशनर्स में से 14 हजार 977 पेंशनर्स ने सत्यापन कराया है। अन्य गांवों में भी सत्यापन का कार्य चल रहा है। उदाहरण के तौर पर, बांदीकुई में 1964, बसवा में 1736 और भाण्डारेज में 1656 पेंशनरों ने सत्यापन किया है।
सत्यापन में देरी के परिणाम
अगर लाभार्थी समय रहते अपना सत्यापन नहीं कराते हैं तो उन्हें पेंशन के लाभ में देरी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, उन्हें योजना से बाहर भी किया जा सकता है। इसलिए, सभी पेंशनरों को अपने वार्षिक सत्यापन को शीघ्र पूरा कराना चाहिए, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े।