राजस्थान से बिजली का संकट अब होगा छूमंतर, 8720 मेगावाट के पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट को मिली मंजूरी

Rajasthan News: राजस्थान वालों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। 8720 मेगावाट की कुल क्षमता वाले 8 पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है, जिनमें सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्र की भागीदारी है। ये प्रोजेक्ट पहाड़ियों पर जल भंडारण करके बिजली उत्पादन की आधुनिक तकनीक पर आधारित होंगे।
पम्प स्टोरेज पद्धति में जल को ऊँचाई पर स्थित एक कृत्रिम जलाशय में पंप किया जाता है। जब बिजली की आवश्यकता होती है, तब उस जल को नीचे गिराकर टरबाइन से गुज़ारा जाता है जिससे बिजली उत्पन्न होती है। यह तकनीक ऊर्जा भंडारण और ग्रिड स्थिरता के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है।
इनमें तीन केन्द्र सरकार के उपक्रम एनएचपीसी, टीएचपीसी, एसजेवीएन के 3960 मेगावाट प्रोजेक्ट के लिए जमीन आवंटित कर दी गई है। निजी कंपनियों में ग्रीनको, जवाई एनर्जी, अवाडा एक्वा के 4760 मेगावाट क्षमता के प्रोजेक्ट के लिए रजिस्ट्रेशन कर लिया है। इनमें से ज्यादातर साइट बड़े बांध के पास है।
सरकारी पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट
कंपनी स्थान क्षमता (मेगावाट)
एनएचपीसी सिरोही (जवाई बांध) 1000
बांसवाड़ा 1000
जाखम बांध (प्रतापगढ़) 580
टीएचपीसी बीसलपुर बांध, टोंक 800
एसजेवीएन प्रतापगढ़ 580
निजी पम्प स्टोरेज प्रोजेक्ट
कंपनी स्थान क्षमता (मेगावाट)
ग्रीनको सुखपुरा, चित्तौड़गढ़ 2560
जवाई एनर्जी शिवगंज, सिरोही 640
आवाडा एक्वा पिंडवाड़ा, सिरोही 1560