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राजस्थान वासियों के लिए बड़ी सौगात, 15KM लंबा बाईपास जल्द बनकर होगा तैयार, जानें पूरी प्रोसेस 

 
 
15KM लंबा बाईपास जल्द बनकर होगा तैयार

Rajsthan News: राजस्थान में 15 किलोमीटर लंबे बाईपास का निर्माण अगले मानसून सीजन तक पूरा होने की उम्मीद है।बालोतरा-जालोर-सांडेराव राष्ट्रीय राजमार्ग-325 के जालोर राष्ट्रीय राजमार्ग बाइपास परियोजना को शीघ्र पूरा करने की दिशा में कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।

15 किलोमीटर लम्बी इस परियोजना का 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। अब मुख्य रूप से अधूरे रेलवे पुल तथा लेटा गांव के पास जवाई नदी पर पुल का निर्माण कार्य पूरी गति से चल रहा है। काम पूरा हो जाने पर इसे यातायात के लिए खोल दिया जाएगा।

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इस वर्ष मानसून का मौसम अभी 120 दिन दूर है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि बकाया भुगतान 4 माह में पूरा करने का प्रयास है। उल्लेखनीय है कि भारी बारिश होने पर जवाई नदी में पानी तेज गति से बहता है तथा कई बार पुराने पुल के ऊपर से पानी बहने से मार्ग अवरुद्ध हो जाता है।

बाईपास में पुल की ऊंचाई बढ़ा दी गई है तथा सड़क यातायात के लिए खुल जाने पर भविष्य में भारी बारिश के दौरान जवाई नदी में तेज बहाव होने पर भी सड़क अवरूद्ध नहीं होगी।

15 किलोमीटर लंबे बाईपास में से लगभग 13 किलोमीटर डामर सड़क का निर्माण पूरा हो चुका है।

बिशनगढ़ रोड पर ग्रेनाइट यूनिट के पास एक किलोमीटर लंबे ओवरब्रिज का निर्माण भी पूरा हो चुका है।

रतनपुरा रोड पर अंडरब्रिज व ओवरब्रिज का काम पूरा हो गया है।

धारापवती रोड और सामतिपुरा रोड पर शेष अंडरपास और ओवरब्रिज का काम चल रहा है।

बाईपास सेक्शन में रेलवे क्रॉसिंग पर रेलवे ओवरब्रिज बनाया जाना है।

लेटा के पास जवाई नदी पर बने 256 मीटर लम्बे प्रमुख पुल पर गर्डर्स लगा दिए गए हैं।

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वाहन चालकों को होगा फायदा यह बाईपास बाड़मेर-बालोतरा की ओर से आने-जाने वाले उन वाहन चालकों के लिए महत्वपूर्ण होगा, जो आहोर होते हुए सीधे जोधपुर, पाली, जयपुर या भीनमाल, रानीवाड़ा, सांचौर की ओर आना या जाना चाहते हैं।

यह बाईपास औद्योगिक क्षेत्र फेज-1 व फेज-2 से फेज-3 की ओर जाने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। लोडेड ट्रक ट्रेलर लेटा जीएसएस के पास से राउंड निम्बड़ी होते हुए औद्योगिक क्षेत्र फेज-3 तक बाईपास से गुजर सकेंगे।

इसलिए जालोर में यातायात का भार अधिक है। 1500 से अधिक ग्रेनाइट इकाइयों के साथ, ग्रेनाइट ब्लॉकों से भरे ट्रेलर, ट्रक भी हैं, जो वर्तमान में आबादी के बीच से गुजरते हैं। प्रतिदिन 100 से अधिक ट्रक-ट्रेलर तैयार ग्रेनाइट से लदे होते हैं और देश के विभिन्न बाजारों में पहुंचते हैं। वर्तमान में भारी वाहन आबादी के बीच से गुजरते हैं, जिससे दुर्घटनाएं होती हैं।