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राजस्थान में हैं एक अनोखा मंकी टेम्पल, बंदरों के साथ सेल्फी लेने के लिए रौजाना लगती है भीड़ 

श्री वैष्णव रामानुज संप्रदाय के प्रधानपीठ का ऐसा ही एक अनोखा गलतापीठ मंदिर है. पर्यटकों की सबसे ज्यादा संख्या आने के कारण यह मंदिर बहुत ही खास है. इस मंदिर में वर्षों से हजारों की संख्या में बंदर रहते हैं. इसे राजस्थान के मंकी टेंपल के रूप में भी जाना जाता है. यह ऐसा अनोखा मंदिर है जहां दूर-दूर से बंदरों को पकड़ कर भी यहां लाया जाता है. 
 
राजस्थान में हैं एक अनोखा मंकी टेम्पल, बंदरों के साथ सेल्फी लेने के लिए रौजाना लगती है भीड़ 

Rajasthan News : श्री वैष्णव रामानुज संप्रदाय के प्रधानपीठ का ऐसा ही एक अनोखा गलतापीठ मंदिर है. पर्यटकों की सबसे ज्यादा संख्या आने के कारण यह मंदिर बहुत ही खास है. इस मंदिर में वर्षों से हजारों की संख्या में बंदर रहते हैं. इसे राजस्थान के मंकी टेंपल के रूप में भी जाना जाता है. यह ऐसा अनोखा मंदिर है जहां दूर-दूर से बंदरों को पकड़ कर भी यहां लाया जाता है. 

मंदिर में अलग-अलग प्रजाति के सैकड़ों बंदर हैं जो मंदिर और मंदिर के आसपास की पहाड़ियों पर रहते हैं.बंदर सामन्यात: हर जगह देखने को मिल जाते हैं. बंदरों के स्वभाव में भी काफी भिन्नता होती है, कुछ बंदर लोगों को चोट पहुंचा देते हैं तो कुछ इंसानों से काफी घुल-मिल कर रहते हैं. गलता मंदिर के बंदर अनोखे हैं जो पर्यटकों के साथ सादगीपूर्ण व्यवहार करते हैं. 

यहां विशेष रूप से बंदरों को खाना खिलाने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. इसलिए यह मंदिर विशेष रूप से अपने बंदरों के लिए फेमस है.यहां लोग सबसे ज्यादा बंदरों के साथ फोटोग्राफी करने के लिए आते हैं. गलता जी मंदिर अपने बंदरों के अलावा हिंदू देवताओं, विवाह, और पौराणिक कथाओं के भित्तिचित्रों के लिए भी प्रसिद्ध है. साथ ही यहां एक ही स्थान पर वर्षों पुराने 15 से अधिक मंदिर बने हुए हैं. मंदिर में एक विशाल गोमुख कुंड है जहां पहाड़ियों के बीच से जल निकलता है. गलता मंदिर का पूरा इलाका चारों तरफ पहाड़ियों से घिरा हुआ है.   

यह जगह अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए भी काफी प्रसिद्ध है.वैसे तो यहां चारों तरफ सुबह-शाम बंदर अटखेलियां करते रहते हैं लेकिन अब उनके लिए यहां विशेष सुविधाएं दी  जाएंगी. इसमें उनके रहने से लेकर खाने-पीने और मेडिकल की सुविधाएं भी होगी. यह मंदिर अब अपने प्राचीन इतिहास के अलावा सबसे ज्यादा अपने बंदरों के लिए प्रसिद्ध हो गया है. यहां पर्यटक सबसे ज्यादा बंदरों के लिए आते हैं. अब यहां के बंदरों को भी लोगों का इंतजार रहता हैं. सैकड़ों बंदर के परिवार एकसाथ मिलजुल कर रहते हैं.