राजस्थान सरकार में प्रशासनिक संकट के बादल छाए, 70 विभागों का अतिरिक्त प्रभार बना विकास में बाधा

Rajasthan News: राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार इस समय अनिर्णय और असमंजस की स्थिति से गुजर रही है। हालात इतने गंभीर हो गए हैं कि प्रशासनिक कार्यों में न केवल सुस्ती देखी जा रही है, बल्कि 70 से अधिक विभागों को केवल अतिरिक्त प्रभार पर चलाया जा रहा है। इससे न सिर्फ योजनाओं के क्रियान्वयन में रुकावटें आ रही हैं, बल्कि जनता से जुड़ी सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं। राज्य में 332 आईएएस अधिकारियों का कैडर है, लेकिन राज्य में केवल 264 अधिकारी ही तैनात हैं।
इनमें से लगभग दो दर्जन आईएएस अधिकारियों के केन्द्र सरकार, अपने गृह राज्यों तथा विदेश में अध्ययन के लिए चले जाने तथा लम्बी छुट्टी पर रहने के कारण अधिकांश विभागों पर राज्य सरकार का प्रशासनिक कार्यभार रहता है। केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाएं प्रभावी ढंग से क्रियान्वित नहीं हो रही हैं। मुख्यमंत्री शर्मा बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की लगातार समीक्षा करते हैं, लेकिन महत्वपूर्ण विभागों में अधिकारियों के पद रिक्त होने के कारण कोई निर्णय नहीं हो पाता।
अधिकारी पिछले तीन महीने से आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की तबादला सूची का इंतजार कर रहे हैं। तबादलों की सूची जारी न होने से अधिकारियों में असमंजस की स्थिति है। असमंजस और अनिर्णय की स्थितियाँ न केवल प्रशासनिक स्तर पर बल्कि नीतिगत निर्णयों में भी परिलक्षित होती हैं। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजनीतिक और जातिगत समीकरण को संतुलित करने के लिए सात भाजपा नेताओं को विभिन्न परिषदों और निगमों का अध्यक्ष बनाकर राजनीतिक नियुक्तियां दी गईं।
लेकिन अभी तक उन्हें कैबिनेट या राज्य मंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है। ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति द्वारा बनाए गए नेता प्रभावी ढंग से काम नहीं कर सकते। पिछले सप्ताह आईपीएस अधिकारी यू.आर. पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यरत साहू को राज्य सिविल सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। साहू के इस्तीफे के बाद राज्य में पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त पद भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के रवि प्रकाश मेहरा को दे दिया गया, जो स्वयं इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, आमजन से संबंधित विद्युत विभाग, अध्यक्ष अक्षय ऊर्जा, अध्यक्ष प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जल संसाधन योजना प्राधिकरण, इंदिरा गांधी नहर विभाग, अध्यक्ष राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, रीको में अध्यक्ष, जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड, राजफैड, आपदा प्रबंधन विभाग, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक जयपुर मेट्रो, प्रमुख सचिव देवस्थान विभाग, अध्यक्ष राजस्थान कर बोर्ड एवं अध्यक्ष ग्रामीण गैर कृषि क्षेत्र विकास एजेंसी, प्रमुख सचिव सांख्यिकी विभाग, मुख्य कार्यकारी आमेर विकास प्राधिकरण
आयुक्त पर्यटन विभाग, अध्यक्ष राजस्थान पर्यटन विकास निगम, अध्यक्ष कौशल एवं आवास मिशन राजस्थान, सचिव कौशल एवं उद्यमिता विभाग, प्रशासनिक सचिव पंचायती राज विभाग, राज्य निवासी आयोग दिल्ली सरकार, आयुक्त परिवहन विभाग, सचिव राज्य बस सेवा, सचिव शांति एवं अहिंसा विभाग, अध्यक्ष राज्य बीज निगम स्कूलमास्टर, विशेष सचिव पंचायती राज एवं प्रारंभिक शिक्षा, विशेष सचिव गृह विभाग, आयुक्त दिल्ली-मुंबई कॉरिडोर, अध्यक्ष बीकानेर विकास प्राधिकरण सहित कुल 70 विभागों आधार. इन विभागों में स्थायी अधिकारी न होने के कारण कई महत्वपूर्ण निर्णय नहीं लिए जा पाते।
मेहरा को अतिरिक्त प्रभार देने के निर्णय को पुलिस विभाग ने आश्चर्यजनक माना।पिछले सप्ताह आईपीएस अधिकारी यू.आर. पुलिस महानिदेशक के पद पर कार्यरत साहू को राज्य सिविल सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। साहू के इस्तीफे के बाद राज्य में पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त पद भी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के रवि प्रकाश मेहरा को दे दिया गया, जो स्वयं इस महीने के अंत में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। मेहरा को अतिरिक्त प्रभार देने के निर्णय को पुलिस विभाग ने आश्चर्यजनक माना।