पिता की मौत के बाद ठाना जज बनने का निर्णय आवर आज बन गई जज
Rajasthan News : राजस्थान जूडिशियल सर्विस (RJS) भर्ती-2024 का रिजल्ट जारी होने किसी ने पिता की मौत के बाद ठान लिया था कि अब जज बनने के बाद ही दम लेना है। किसी ने हाईकोर्ट के जजों को देखकर प्रेरणा ली। इस शादी के बाद भी तैयारी करती रही 20वीं रैंक हासिल करने वाली जयपुर की आशा शर्मा कहती हैं- शादी के बाद अपने दूसरे अटेम्प्ट में सफलता पाई है। मेरी शादी 2020 में हो गई थी। शादी के बाद भी मैंने पढ़ाई जारी रखी। पति और सुसराल वालों ने पूरा सहयोग किया और नतीजा अब सामने है। मैं 12वीं क्लास में थी। तब पिता की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई थी। यह मेरे और मेरे पूरे परिवार के लिए एक बड़ा झटका था।
बड़े भाई ने उन्हें हमेशा सपोर्ट किया। संघर्ष करके उनकी पढ़ाई पूरी कार्रवाई।पिता की मौत के बाद ही मैंने ठान लिया था कि जीवन में कुछ बड़ा करना है। 2018 में वनस्थली विद्यापीठ से LLB की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद 2020 में LLM किया। इसी साल शादी हो गई। शादी के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रखी। 2021 में मैंने पहला अटेम्प्ट दिया। इसमें इंटरव्यू तक पहुंची। इस साल दूसरे प्रयास में मैं जज बन गई।लक्ष्य ने रखा केवल एक ही लक्ष्य, जज बनना है राजस्थान यूनिवर्सिटी के गोल्ड मेडलिस्ट लक्ष्य सोनी का पहले प्रयास में ही आरजेएस में चयन हो गया।
उन्होंने प्रदेश में 22वीं रैंक हासिल की। इससे पहले साल 2023 में उनका जेएलओ (जूनियर लीगल ऑफिसर) के पद पर चयन हो गया था। उन्होंने जॉइन नहीं किया था। लक्ष्य कहते हैं- मेरा केवल एक ही लक्ष्य रहा कि आरजेएस में सिलेक्ट होना हैं। इसलिए उन्होंने JLO के पद पर जॉइन ही नहीं किया। सफलता के लिए कंसिस्टेंसी जरूरी है। मैं रोज पढ़ता था। पढ़ाई के साथ-साथ दूसरी एक्टिविटी में भी एक्टिव रहता था। मैं गिटारिस्ट भी हूं। मुझे क्रिकेट खेलने का भी बहुत शौक है। पढ़ाई के साथ-साथ इन सभी एक्टिविटी में भी एक्टिव रहा।
इसलिए मुझे कभी पढ़ाई का तनाव ही नहीं हुआ। लक्ष्य के पिता ऋषिराज सोनी हाईकोर्ट जज के पीए हैं। महक को पहले अटेम्प्ट में बिना कोचिंग मिली 30वीं रैक बालोतरा की महक (24) ने पहले प्रयास में बिना कोचिंग के 30वीं रैंक हासिल की है। शुरू से ही मेधावी रही महक के पिता महेंद्र सिंघल भी न्यायाधीश हैं, जो वर्तमान में उदयपुर में जिला एवं सेशन न्यायालय में पोस्टेड हैं। महक ने बताया- मैं रोजाना 10 से 12 घंटे पढ़ाई करती थी। मैंने कहीं से कोई कोचिंग नहीं ली। जोधपुर की जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई पूरी की।
इसके बाद जोधपुर में ही रहकर परीक्षा की तैयारी की। महक ने बताया- यह मेरा पहला अटेम्प्ट था। कड़ी मेहनत करने पर परीक्षा में चयन होने का पूरा विश्वास था। संभव नहीं है। बालिकाएं मेहनत के साथ पढ़-लिखकर आगे बढ़ें तो सफलता निश्चित ही मिलती है। मेरी बड़ी बहन ऊर्जा सिंघल डॉक्टर हैं। निकिता जैन का शादी से 27 दिन पहले सिलेक्शन निकिता जैन (30) निवासी जनता कॉलोनी (पाली) शादी से 27 दिन पहले RJS में सिलेक्शन हुआ है। निकिता ने तीसरे अटेम्प्ट में 117वीं रैंक हासिल की है। निकिता की 22 नवंबर को बाड़मेर के ही रहने वाले दिव्यांशु से शादी है।
पिता रविवार को जोधपुर शादी के कार्ड बांटने गए थे। इस दौरान उनको बेटी के सिलेक्शन की खबर मिली। निकिता जैन ने बताया- M.Com के बाद LLM तक की पढ़ाई की। पाली सरकारी कॉलेज में लॉ पूरी की। घर पर ही रूटीन में 7-8 घंटे तैयारी की। आत्मविश्वास के साथ टारगेट निर्धारित कर पूरा फोकस पढ़ाई पर रखा। असफलता से घबराई नहीं, निरंतर टारगेट पर जुटी रही। निकिता ने बताया- मैं वर्तमान में अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में जूनियर लीगल ऑफिसर (JLO) के पद पर कार्यरत हूं। माता-पिता बोलते थे कि तुम्हारा जब तक RJS बनने का लक्ष्य पूरा नहीं होता शादी करने के लिए परेशान नहीं करेंगे।