राजस्थान के मनरेगा श्रमिक व मेट ध्यान दें! सीएम भजनलाल ने करी यह बड़ी घोषणा, जानें फटाफट

Rajasthan News : राजस्थान सरकार ने मनरेगा योजना में हो रहे बड़े पैमाने के फर्जीवाड़े पर काबू पाने के लिए एक नई तकनीक की शुरुआत की है। राज्य सरकार ने एमएमएस (मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम) का अपडेटेड वर्जन लॉन्च किया है, जिससे योजना में पारदर्शिता आएगी और फर्जीवाड़े को रोकने में मदद मिलेगी। इस नई प्रणाली के तहत श्रमिकों की उपस्थिति केवल तब ही दर्ज होगी, जब उनकी आँखें झपकेंगी। साथ ही, कार्यस्थल पर अन्य सुधार भी किए गए हैं, जैसे कि मेट का कार्य आवंटन और ई-माप पुस्तिका का ऑनलाइन रूपांतरण।
एमएमएस सिस्टम के अपडेटेड वर्जन की विशेषताएँ
अब, श्रमिकों की उपस्थिति केवल तभी दर्ज होगी जब उनकी आँखों की झपकन का रिकॉर्ड होगा। यदि किसी श्रमिक की आंखों में झपकन नहीं होती है, तो उनकी फोटो एप में अपलोड नहीं होगी। अब मेट को पीओ लॉगिन से ही कार्य आवंटित किया जाएगा। मेट को किसी दूसरे कार्य पर उपस्थिति दर्ज करने का अधिकार नहीं होगा। इससे कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना कम हो जाएगी। जब मेट उपस्थिति दर्ज करेगा, तो श्रमिकों के सिर की गिनती ऐप के माध्यम से की जाएगी। अगर फोटो और काउंट में कोई अंतर हुआ तो फोटो सेव नहीं होगी। इससे फर्जीवाड़ा पूरी तरह से रोका जाएगा। पहले उपस्थिति दर्ज करने के लिए जीओ टैग की दूरी 10 मीटर तक थी, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाकर 500 मीटर कर दिया है। इससे कुछ कार्य जैसे ग्रेवल सड़क और सीसी ब्लॉक के लिए राहत मिल सकेगी।
ई-माप पुस्तिका
राजस्थान सरकार ने यह भी घोषणा की है कि अगले पखवाड़े से मनरेगा कार्यों में ई-माप पुस्तिका लागू की जाएगी। इससे माप पुस्तिका का रिकॉर्ड ऑनलाइन होगा, जिससे कार्य की पारदर्शिता बनी रहेगी और फर्जीवाड़े की संभावना बहुत कम हो जाएगी। यह प्रणाली उड़ीसा, कर्नाटक और त्रिपुरा जैसे राज्यों की तर्ज पर लागू की जाएगी।
नई व्यवस्था का उद्देश्य
इस नए अपडेटेड एमएमएस सिस्टम का मुख्य उद्देश्य मनरेगा योजना में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी को रोकना है। इससे श्रमिकों की वास्तविक उपस्थिति दर्ज होगी और फर्जीवाड़े का मामला कम से कम हो सकेगा।