बाड़मेर एयरपोर्ट का काम हुआ समाप्त, जल्द मिलेगा नया रास्ता
बाड़मेर के उत्तरलाई में प्रस्तावित एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया अब अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। लगभग छह साल पहले इस एयरपोर्ट के निर्माण की घोषणा की गई थी, और अब सभी प्रशासनिक और कानूनी प्रक्रियाएं अंतिम रूप में हैं। जमीन आवंटन और सोशल इंपेक्ट सर्वे जैसे मुद्दों का समाधान अब हो चुका है। अब बाड़मेर जिले के प्रशासन ने सात सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया है जो इस परियोजना की एनालिसिस रिपोर्ट तैयार करेगी, और यह रिपोर्ट अगले सात दिनों में सरकार को सौंपी जाएगी।
Rajasthan News : बाड़मेर के उत्तरलाई में प्रस्तावित एयरपोर्ट निर्माण की प्रक्रिया अब अंतिम दौर में पहुंच चुकी है। लगभग छह साल पहले इस एयरपोर्ट के निर्माण की घोषणा की गई थी, और अब सभी प्रशासनिक और कानूनी प्रक्रियाएं अंतिम रूप में हैं। जमीन आवंटन और सोशल इंपेक्ट सर्वे जैसे मुद्दों का समाधान अब हो चुका है। अब बाड़मेर जिले के प्रशासन ने सात सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया है जो इस परियोजना की एनालिसिस रिपोर्ट तैयार करेगी, और यह रिपोर्ट अगले सात दिनों में सरकार को सौंपी जाएगी।
इस परियोजना को लेकर बाड़मेर जिले में कई पहलुओं पर काम किया गया है। सोशल इंपेक्ट सर्वे अब पूर्ण हो चुका है और जनसुनवाई भी ग्रामीणों के साथ की जा चुकी है। इस रिपोर्ट में विशेषज्ञ, जनप्रतिनिधि और अन्य संबंधित अधिकारी शामिल होंगे। रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी, जिससे निर्माण प्रक्रिया में तेजी आएगी।
बाड़मेर में एयरपोर्ट निर्माण की घोषणा साल 2019 में की गई थी, जब "उड़े देश का आम नागरिक योजना" के तहत बाड़मेर को एयरपोर्ट की सुविधा मिलने की बात कही गई थी। पहले यह योजना उत्तरलाई एयर फोर्स स्टेशन के पास 7.1 बीघा जमीन पर लागू होनी थी, लेकिन इस योजना में कई अड़चने आईं। जब जमीन की कमी का मुद्दा सामने आया, तो भाजपा सरकार ने 65 एकड़ अतिरिक्त जमीन देने की घोषणा की। इसके बाद, उड़े देश का आम नागरिक योजना के तहत एयरपोर्ट निर्माण की स्वीकृति मिली और अब यह प्रक्रिया अंतिम दौर में है।
इस एयरपोर्ट के बनने से तेल कंपनियों को भी लाभ होगा, जिन्होंने वादा किया था कि वे 30% यात्री भार देंगी। इसके अलावा, सेना, बीएसएफ, और एयरफोर्स के लिए यह एयरपोर्ट एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी का साधन बनेगा। व्यावसायिक और बाहरी यात्रियों को भी इससे सहुलियत मिलेगी। 2019 में इस एयरपोर्ट की घोषणा की गई थी, लेकिन पांच साल तक इसमें कोई खास प्रगति नहीं हो पाई। पहले जमीन आवंटन के मुद्दे ने परियोजना को प्रभावित किया, और फिर राज्य व केंद्र सरकार के बीच राजनीतिक मतभेदों के कारण यह मामला अटका रहा। अब, सरकार बदलने के बाद 65 एकड़ जमीन का आवंटन किया गया और सोशल इंपेक्ट सर्वे भी पूरा हुआ।
