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राजस्थान में बिजली रेट को लेकर हो गया बड़ा ऐलान! ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर बोले... 

राजस्थान सरकार द्वारा ऊर्जा क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए चलाए जा रहे स्मार्ट मीटर योजना और आरडीएसएस (Revamped Distribution Sector Scheme) की धीमी प्रगति को लेकर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
 
Rajasthan Electricity

Rajasthan Electricity: राजस्थान सरकार द्वारा ऊर्जा क्षेत्र के आधुनिकीकरण के लिए चलाए जा रहे स्मार्ट मीटर योजना और आरडीएसएस (Revamped Distribution Sector Scheme) की धीमी प्रगति को लेकर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसी लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

राआरडीएस में मात्र 32 फीसदी प्रगति है। वहीं, एक करोड़ से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं, लेकिन अभी तक यह आंकड़ा एक लाख तक भी नहीं पहुंच पाया है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने इस स्थिति पर नाराजगी जताई और चेतावनी दी कि डिस्कॉम अधिकारी अब ऐसी लापरवाही न करें। 

स्मार्ट मीटर कार्य का हाल आरडीएसएस जैसा न हो। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने गुरुवार को विद्युत भवन में करीब तीन घंटे चली बैठक में बिजली व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि जनता को समय पर सुविधाएं उपलब्ध कराने में विफल रहने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करें। 

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने रामगढ़ व धौलपुर गैस पावर प्लांट से महंगी बिजली बनाने की योजना पर भी सवाल उठाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जब बैग में ही अधिकतम 10 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली उपलब्ध है तो गैस प्लांट से 15-16 रुपए प्रति यूनिट बिजली क्यों ले रहे हैं?

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने अक्षय ऊर्जा निगम के एमडी ओम कसेरा से सरकारी भवनों की छतों पर सोलर पैनल लगाने में ढिलाई बरतने और काम में देरी होने के बारे में पूछा। एमडी नथमल डिडेल से पूछा गया कि पीक ऑवर में बिजली सप्लाई के समय ट्रांसमिशन सिस्टम ठीक से काम क्यों नहीं कर रहा है।

बिजली कंपनियों ने राज्य विद्युत नियामक आयोग में टैरिफ याचिका दायर की। इससे बिजली बिल बढ़ने की आशंका है। इस बीच, मंत्री ने कहा है कि पिछली सरकार के मुकाबले बिजली के दामों में 23 पैसे की कमी आई है। ऐसे में बिजली के दामों में और बढ़ोतरी की कोई योजना नहीं है।

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने माना कि कंपनियां हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचईएम) में रुचि नहीं ले रही हैं। उन्होंने पुराने नियोक्ता के साथ ही काम करने की संभावना पर विचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने मीडिया से कहा कि कैबिनेट की मंजूरी के बाद एचईएम मॉडल के करोड़ों रुपए के टेंडर निरस्त कर दिए जाएंगे। 

अतिरिक्त प्रमुख सचिव आलोक इसी मॉडल पर काम कर रहे थे। तब भी उन्हें हैरानी हुई। वे फिलहाल मेडिकल लीव पर हैं। बिजली व्यवस्था को निजी हाथों में सौंपने के लिए इस मॉडल को लाया गया।