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कैंसर मरीजों को मिल रहा मुफ्त इलाज, जानें राजस्थान में कैसे संजीवनी बूटी का काम कर रही आयुष्मान योजना 

हर साल 4 अप्रैल को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना और इसके रोकथाम, जांच तथा उपचार को बढ़ावा देना है। कैंसर का इलाज अक्सर महंगा होता है, जिससे कई गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार इसके इलाज का खर्च वहन नहीं कर पाते। लेकिन भारत में आयुष्मान योजना के तहत कैंसर का इलाज मुफ्त उपलब्ध है, जिससे रोगियों को जीवन में एक नई उम्मीद मिल रही है।
 
Ayushman Yojana

Ayushman Yojana: हर साल 4 अप्रैल को विश्व कैंसर दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना और इसके रोकथाम, जांच तथा उपचार को बढ़ावा देना है। कैंसर का इलाज अक्सर महंगा होता है, जिससे कई गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार इसके इलाज का खर्च वहन नहीं कर पाते। लेकिन भारत में आयुष्मान योजना के तहत कैंसर का इलाज मुफ्त उपलब्ध है, जिससे रोगियों को जीवन में एक नई उम्मीद मिल रही है।

कैंसर का इलाज एक लंबी प्रक्रिया है जिसमें कीमोथेरेपी, सर्जरी और अन्य उपचारों पर लाखों रुपये खर्च होते हैं। कई मरीजों को सर्जरी के बाद लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है, जिससे इलाज की लागत बढ़ जाती है। लेकिन अब आयुष्मान आरोग्य योजना से ये समस्याएं हल हो गई हैं। इस योजना के तहत कैंसर रोगियों के इलाज के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता है, जिससे रोगियों और उनके परिवारों पर वित्तीय दबाव कम हो जाता है।

योजना पर बोलते हुए जोधपुर के कैंसर विशेषज्ञ जीवन राम विश्नोई ने कहा कि मुख्यमंत्री आरोग्य आयुष्मान योजना केंद्र सरकार और राजस्थान सरकार की संयुक्त योजना है। इससे मरीजों को बहुत लाभ मिलता है। इस योजना के अंतर्गत मरीजों से कोई शुल्क नहीं लिया जाता। हालांकि, अगर वह निजी या कॉर्पोरेट अस्पतालों में इलाज कराता है तो इसकी लागत लगभग 10 से 15 लाख रुपये हो सकती है, जिसे वहन करना किसी भी मरीज के लिए मुश्किल हो सकता है।

विश्व कैंसर दिवस की थीम पर बोलते हुए जीवन राम ने कहा कि इस बार कैंसर की थीम से पता चलता है कि हर मरीज अलग होता है। उनकी समस्याएं, पृष्ठभूमि, सब कुछ अलग है। कैंसर के उपचार का प्रभाव न केवल रोगी के शरीर पर पड़ता है, बल्कि पूरे परिवार पर पड़ता है। इसलिए, बीमारी का इलाज करने के बजाय, उपचार रोगी और परिवार की परिस्थितियों के अनुरूप होना चाहिए। रोगी के साथ सहानुभूति और समझ बनाए रखना महत्वपूर्ण है। हम इस दिशा में काम कर रहे हैं और इसी तरह आगे बढ़ रहे हैं।

विश्नोई कहते हैं, 'आयुष्मान योजना के तहत रोबोटिक सर्जरी और महंगे इलाज जैसी सभी तरह की सर्जरी मुफ्त में की जाती है। महंगे प्रत्यारोपण और ऑपरेशन किट, विशेष रूप से डिम्बग्रंथि के कैंसर जैसी घातक बीमारियों के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण भी इस योजना के अंतर्गत सुरक्षित हैं। इस योजना के तहत मरीजों को महानगरों में उपलब्ध महंगे इलाज की तुलना में पूरी तरह मुफ्त इलाज मिल रहा है, जो गरीब मरीजों के लिए जीवनरक्षक साबित हो रहा है।'

परिवार के एक सदस्य नरेश मनो ने कहा, 'हमारे परिवार का सदस्य कैंसर से पीड़ित है और उसकी सर्जरी आयुष्मान योजना के तहत हुई थी। इलाज निःशुल्क था और इससे हमें बहुत मदद मिली। हम गरीब लोग थे, हमारे पास इलाज के लिए पैसे नहीं थे। इस योजना के बिना, हमारा घर बिक गया होता और इलाज भी उपलब्ध नहीं हो पाता। हम आयुष्मान भारत योजना के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार को धन्यवाद देते हैं।

एक कैंसर रोगी ने कहा, ‘मुझे 8-10 महीने पहले स्तन कैंसर हुआ था।’ यहां मुझे उपचार मिला और ऑपरेशन सफल रहा। आयुष्मान योजना से इलाज में कोई दिक्कत नहीं आती और पैसे की भी कोई दिक्कत नहीं होती। यहां के डॉक्टर और स्टाफ बहुत मददगार रहे हैं और आज मैं अच्छा महसूस कर रहा हूं। मुझे विश्वास था कि यहां इलाज अच्छा होगा और इस योजना में मुफ्त इलाज की व्यवस्था है। मुझे इस सरकारी योजना से बहुत लाभ हुआ है।

आयुष्मान योजना ने न केवल कैंसर के मरीजों को महंगे इलाज से राहत दिलाई है, बल्कि यह योजना गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए एक जीवन रेखा साबित हो रही है। इस योजना के तहत, मरीजों को कैंसर का मुफ्त इलाज मिलता है, जो उनकी जीवन गुणवत्ता को सुधारने में मदद करता है। कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए अब रोगियों को वित्तीय चिंता का सामना नहीं करना पड़ता। आयुष्मान योजना के तहत मिलने वाली मुफ्त चिकित्सा सेवा ने लाखों लोगों की ज़िंदगी बचाई है।