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राजस्थान में बाढ़ आने का कारण नागरिकों को इस जगह किया गया सिफ्ट, वैज्ञानिकों ने कहा इन जिलों में भी आ सकती हैं बाढ़ 

राजस्थान में मानसून की दस्तक जारी हैं। आएं दिन तेज बारिश हो रहीं हैं। लगातार बारिश के कारण नागरिकों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो चुका हैं, और कईं जिलों में तो बाढ़ भी या चुकी हैं, जिसके कारण इन जिलों की जनता को इधर से उधर सिफ्ट किया जा रहा हैं। 

 
 
राजस्थान में बाढ़ आने का कारण नागरिकों को इस जगह किया गया सिफ्ट, वैज्ञानिकों ने कहा इन जिलों में भी आ सकती हैं बाढ़

Rajasthan News : राजस्थान में मानसून की दस्तक जारी हैं। आएं दिन तेज बारिश हो रहीं हैं। लगातार बारिश के कारण नागरिकों का घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो चुका हैं, और कईं जिलों में तो बाढ़ भी या चुकी हैं, जिसके कारण इन जिलों की जनता को इधर से उधर सिफ्ट किया जा रहा हैं। 

राजस्थान में हर दिन हो रहीं बारिश के चलते आज झालवाड़, बारां, सवाई माधोपुर, टोंक, बांसवाड़ा, जैसलमेर, उदयपुर, कोटा, अजमेर, डीग, राजसमंद, भीलवाड़ा व चित्तौड़गढ़ में स्कूलों की छुट्टी घोषित कर दी गई है। बुधवार को जयपुर सहित कई जिलों में जोरदार बारिश हुई। कोटा, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा, अलवर और भरतपुर में 2 से 6 इंच तक बारिश हुई। 

जयपुर में देर शाम सीएम भजनलाल शर्मा अपने विधानसभा क्षेत्र में सड़कों का निरीक्षण करने पहुंचे, जहां लोगों ने उनसे कहा कि सड़कें ठीक नहीं हो सकती हैं तो कम से कम इनके गड्ढे ही भरवा दीजिए। सीएम के साथ मौके पर जेडीए के अधिकारी भी मौजूद थे।जिले में हुई मूसलाधार बारिश के बाद उत्पन्न बाढ़ जैसी स्थिति के मद्देनजर राजस्थान सरकार के आपदा प्रबंधन एवं कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने बुधवार को सवाई माधोपुर पहुंचकर जिला मुख्यालय सहित जलभराव प्रभावित इलाकों का दौरा किया और हालातों का जायजा लिया। 

उन्होंने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य में प्रशासन के साथ सिविल डिफेंस, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें तत्परता से कार्य कर रही हैं। जलभराव वाले क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है और जिन लोगों को घर छोड़ना पड़ा है, उनके लिए भोजन पैकेट्स वितरित किए जा रहे हैं।उन्होंने बताया कि बारिश से हुए नुकसान का त्वरित सर्वे कराया जाएगा और प्रभावितों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने एनएच-552 पर ओघाड़ पुलिया के बहाव में टूटने की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे न केवल मध्यप्रदेश और राजस्थान का संपर्क टूटा है, बल्कि खंडार क्षेत्र के कई गांव जिला मुख्यालय से कट गए हैं। उन्होंने घटनास्थल का निरीक्षण कर अधिकारियों को पुलिया का नया एस्टिमेट तैयार करके केंद्र सरकार से बजट पास करवाने और वन विभाग से एनओसी लेने की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।