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यमुना जल समझौते को लेकर कांग्रेस का बड़ा ब्यान, बोलें राजस्थान के हितों से किया गया हैं छल

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यमुना जल समझौते को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे ‘राजस्थान के साथ छल’ करार दिया और भाजपा सरकार पर राजस्थान के हितों को गिरवी रखने का आरोप लगाया। डोटासरा का कहना है कि इस समझौते में राजस्थान के जल अधिकारों का उल्लंघन हुआ है और यह पूरी तरह से हरियाणा के पक्ष में है।
 
यमुना जल समझौते को लेकर कांग्रेस का बड़ा ब्यान, बोलें राजस्थान के हितों से किया गया हैं छल

Rajasthan News : राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यमुना जल समझौते को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसे ‘राजस्थान के साथ छल’ करार दिया और भाजपा सरकार पर राजस्थान के हितों को गिरवी रखने का आरोप लगाया। डोटासरा का कहना है कि इस समझौते में राजस्थान के जल अधिकारों का उल्लंघन हुआ है और यह पूरी तरह से हरियाणा के पक्ष में है।

गोविंद सिंह डोटासरा ने शुक्रवार रात ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए कहा, "मोयू (MoU) में राजस्थान के हितों को गिरवी रखकर हरियाणा को मालिक बनाने वाली भाजपा सरकार शेखावाटी की जनता को भ्रमित करके वाहवाही लूटना चाहती है।" उन्होंने 17 फरवरी 2024 को हुए नए समझौते पर भी सवाल उठाया और इसे राजस्थान के लिए आत्मसमर्पण करार दिया।

नए MoU के अनुसार, हरियाणा को पहले 24000 क्यूसेक पानी मिलेगा, और अगर पानी बचा तो उसे राजस्थान को दिया जाएगा।हरियाणा की मनमर्जी के आगे मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घुटने टेक दिए। केंद्रीय जल आयोग के नियंत्रण के बावजूद हरियाणा ने अपनी मर्जी से पानी की मात्रा तय की।

MoU का हस्ताक्षर    17 फरवरी 2024, हरियाणा और राजस्थान
पानी की बंटवारा       हरियाणा को 24000 क्यूसेक, फिर राजस्थान
मुख्यमंत्री का नाम      भजनलाल शर्मा
मुख्य आरोप             राजस्थान के हितों से समझौता 

7 जनवरी 2025 को दिल्ली में एक बैठक हुई थी, जिसमें केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी शामिल हुए थे। बैठक के बाद हरियाणा के मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि राजस्थान को केवल बरसात के दिनों में आने वाला अतिरिक्त पानी मिलेगा, जो डोटासरा के अनुसार राजस्थान के हितों से पूरी तरह से खिलवाड़ है।

डोटासरा ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार 11 महीने बाद भी MoU को सार्वजनिक नहीं कर पा रही है और ना ही जनता के सामने प्रगति रिपोर्ट पेश कर रही है। उनका कहना था कि 17 जून 2024 तक नई DPR (Detailed Project Report) बनानी थी, लेकिन सरकार की ओर से कोई प्रगति नहीं दिखी।

कांग्रेस नेता ने यह भी बताया कि कांग्रेस सरकार के समय, यमुना जल के बंटवारे के लिए एक DPR बनाई गई थी, जिसमें 31000 करोड़ की परियोजना थी। उस समय राजस्थान के तीन जिलों को 1.19 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना तय था। लेकिन भाजपा सरकार के नए समझौते में हरियाणा के हितों को प्राथमिकता दी गई है और राजस्थान को उसके हिसाब से पानी मिलेगा, जो डोटासरा के अनुसार छल है।
 
17 फरवरी 2024 को दिल्ली में राजस्थान और हरियाणा के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और मनोहर लाल खट्टर के बीच यमुना जल समझौते पर साइन किए गए थे। इसके तहत राजस्थान के सीकर, चूरू और झुंझुनू जिलों को 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलने का निर्णय लिया गया था। इसके बाद राजस्थान सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया, लेकिन अब तक हरियाणा ने इस समझौते का पालन नहीं किया है।