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राजस्थान के नए जिलों पर उठे विवाद: सलूंबर जिला संकट में

राजस्थान में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों के पुनर्गठन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, उदयपुर से अलग होकर बने नए जिले सलूंबर को लेकर विरोध के सुर उठने लगे हैं। उदयपुर के सांसद मन्नालाल रावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस संबंध में पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सलूंबर जिले को यथावत रखने की मांग की है।
 
राजस्थान के नए जिलों पर उठे विवाद: सलूंबर जिला संकट में

Rajasthan News : राजस्थान में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा बनाए गए नए जिलों के पुनर्गठन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, उदयपुर से अलग होकर बने नए जिले सलूंबर को लेकर विरोध के सुर उठने लगे हैं। उदयपुर के सांसद मन्नालाल रावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस संबंध में पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सलूंबर जिले को यथावत रखने की मांग की है।

सलूंबर जिले पर उठे सवाल

सांसद मन्नालाल रावत ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए सलूंबर जिले के पुनर्गठन की चर्चाओं पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि यदि सलूंबर जिले के पुनर्गठन पर विचार किया जाता है, तो इससे यहां की सांस्कृतिक एकता और सामाजिक ढांचे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

सलूंबर जिला क्यों है विवादित?

सांस्कृतिक एकता: सलूंबर जिले की सांस्कृतिक एकता और सामाजिक ढांचा पुनर्गठन की संभावना से प्रभावित हो सकता है।
प्रशासनिक प्रभाव: जिले के पुनर्गठन से प्रशासनिक सुगमता पर भी असर पड़ सकता है, जो कि स्थानीय लोगों के लिए कठिनाई का कारण बन सकता है। इससे पहले, सांचौर जिले को रद्द करने की मांग को लेकर भी विरोध हुआ था। स्थानीय लोगों ने इसका विरोध किया था और इसे राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव के खिलाफ समझा गया।

राजस्थान में नए जिलों के पुनर्गठन को लेकर बढ़ते विवाद ने राज्य की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था को एक नई चुनौती दी है। सलूंबर जिले के स्थानीय नेताओं और सांसदों की चिंता दर्शाती है कि इस बदलाव के प्रभावों पर गहराई से विचार करना आवश्यक है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस मुद्दे पर स्थानीय भावनाओं और सांस्कृतिक संवेदनाओं का सम्मान करते हुए उचित निर्णय लेना होगा।