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राजस्थान में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों का नहीं हो पा रहा इलाज, अस्पताल में नहीं हैं डॉक्टरों

आज जयपुर के सवाई मान सिंह हॉस्पिटल में ही छोटे और गैर जरूरी (जिन्हें टाला जा सकता है) 100 से ज्यादा ऑपरेशन नहीं हुए। इस हड़ताल का सबसे ज्यादा प्रभाव रात के समय जनरल वार्ड, आईसीयू और इमरजेंसी में पड़ रहा है। यहां नाइट शिफ्ट में मरीजों को संभालने के लिए डॉक्टर्स नहीं हैं। इधर, कोटा में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल पर नहीं जाने का फैसला लिया है। सोमवार को भी यहां के रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर नहीं थे।
 
राजस्थान में डॉक्टरों की हड़ताल से मरीजों का नहीं हो पा रहा इलाज, अस्पताल में नहीं हैं डॉक्टरों

Rajasthan News : आज जयपुर के सवाई मान सिंह हॉस्पिटल में ही छोटे और गैर जरूरी (जिन्हें टाला जा सकता है) 100 से ज्यादा ऑपरेशन नहीं हुए। इस हड़ताल का सबसे ज्यादा प्रभाव रात के समय जनरल वार्ड, आईसीयू और इमरजेंसी में पड़ रहा है। यहां नाइट शिफ्ट में मरीजों को संभालने के लिए डॉक्टर्स नहीं हैं। इधर, कोटा में रेजिडेंट डॉक्टर्स ने हड़ताल पर नहीं जाने का फैसला लिया है। सोमवार को भी यहां के रेजिडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर नहीं थे।

 उन्होंने हड़ताल का समर्थन नहीं करने का भी फैसला लिया है। 50 डॉक्टर्स की ड्यूटी वार्डों में लगे, तब कंट्रोल में आए व्यवस्था सरकार ने जयपुर के एसएमएस मेडिकल कॉलेज में कल जिन 50 डॉक्टर्स की ड्यूटी लगाई है। खास बात यह है कि इन डॉक्टर्स की ड्यूटी इवनिंग और नाइट में वार्डों, आईसीयू और इमरजेंसी में नहीं लगाई गई, जबकि हड़ताल का सबसे ज्यादा प्रभाव वहीं देखने को मिल रहा है।

 दिन के समय ओपीडी और वार्डों में फेकल्टी और दूसरे जूनियर डॉक्टर्स के उपलब्ध रहने के कारण इतनी समस्या नहीं रहती, लेकिन शाम और रात में रेजिडेंट्स के नहीं होने से परेशानी बढ़ जाती है। मरीज को भर्ती किया, लेकिन दो दिन डॉक्टर ही नहीं आए एसएमएस हॉस्पिटल के जनरल मेडिसिन वार्ड यूनिट 9 में भर्ती एक मरीज के परिजन ने बताया- 20 अक्टूबर की शाम 4 बजे मरीज को भर्ती किया था। हालात खराब थी इसलिए उन्हें भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने दवाइयां भी लिख दीं, लेकिन वार्ड में उन्हें 22 अक्टूबर रात तक किसी डॉक्टर ने देखा तक नहीं।

 कल देर रात किसी परिचय से फोन करवाने के बाद एक डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ ने देखा और डॉक्टर के बताए इंजेक्शन और दवाइयां दीं। उदयपुर में दो दिन में करीब 125 ऑपरेशन टले उदयपुर में आरएनटी मेडिकल कॉलेज से जुड़े 6 अस्पतालों के 558 रेजिडेंट डॉक्टर की हड़ताल तीसरे दिन भी जारी है। दो दिनों में करीब 125 से ज्यादा ऑपरेशन टाले जा चुके हैं। वहीं, आउटडोर में जहां एक रूम में तीन से चार रेजिडेंट डॉक्टर होते थे। आज मात्र एक सीनियर डॉक्टर के भरोसे मरीज हैं। इसी वजह से आउटडोर में मरीजों की लंबी कतार लगी है। मरीजों को डॉक्टर को दिखाने में 2 से ढाई घंटे लग रहे हैं। 

आरएनटी मेडिकल कॉलेज के 260 सीनियर डॉक्टर और 40 सीनियर रेजिडेंट डॉक्टरों द्वारा ओपीडी की व्यवस्था संभाल पाना मुश्किल हो रहा है।

सीएमएचओ से मांगे अतिरिक्त डॉक्टर: अधीक्षक एमबी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ आरएल सुमन ने बताया कि सीएमएचओ से अतिरिक्त डॉक्टर मांगे गए हैं। इनमें से करीब 8 से 10 डॉक्टरों ने जॉइन किया है। बाकी भी जल्दी करेंगे। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज के फेकल्टी मेंबर की राउंड द क्लॉक ड्यूटी लगाई है। अजमेर में 45 ऑपरेशन किए गए अजमेर के जेएलएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल के रेजिडेंट लगातार तीसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। 628 रेजिडेंट डॉक्टर ने इकट्ठा होकर विरोध जताया। अस्पताल 52 सीनियर रेजिडेंट और 92 जूनियर रेजिडेंट के भरोसे है। वहीं, मंगलवार को ओपीडी में मरीजों की भीड़ कम दिखाई दी। 

अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर अरविंद खरे ने बताया- गंभीर आपात स्थिति वाले मरीजों के ऑपरेशन लगातार किए जा रहे हैं। सोमवार को भी 45 के करीब ऑपरेशन किए गए। डॉक्टर्स के अवकाश निरस्त कर दिए गए हैं। रेजिडेंट बोले- मूलभूत सुविधाएं मिले रेजिडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. दिलराज मीना ने कहा- मूलभूत सुविधाओं के लिए रेजिडेंट तरस रहे हैं। राउंड द क्लॉक रेजिडेंट यहां काम करते रहते हैं। केवल कुछ समय के लिए हॉस्टल पर जाते हैं तो वहां पर भी सुविधाओं की कमी है। अस्पताल में रेस्ट रूम या गर्ल्स के लिए चेंजिंग रूम तक नहीं हैं। 

पीने के पानी की परेशानी है। अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे तक काम नहीं कर रहे हैं। फिर भी अस्पताल प्रशासन की नींद नहीं खुल रही। रेजिडेंट ने आमजन को होने वाली परेशानी को लेकर माफी मांगी। कोटा में 495 रेजिडेंट डॉक्टर काम पर रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन कोटा के उपाध्यक्ष डॉ. योगेश बारठ ने बताया कि मरीज हित में फिलहाल हड़ताल पर नहीं जा रहे हैं, कोटा में सभी रेजिडेंट काम कर रहे हैं। मेडिकल कॉलेज कोटा की प्रिंसिपल डॉ.संगीता सक्सेना ने बताया कि कोटा मेडिकल कॉलेज के अधीन 495 रेजिडेंट डॉक्टर काम कर रहे हैं। कोटा में रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर नही है।