अलवर और भरतपुर के 1200 से ज्यादा गांवों में पहुंचेगा पीने का पानी, जानिए कैसे काम करेगी PKC-ERCP योजना

PKC-ERCP: राजस्थान सरकार की पार्वती-कालीसिंध-चंबल पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (PKC-ERCP) का उद्देश्य है कि जल संकट से जूझ रहे अलवर और भरतपुर के ग्रामीण क्षेत्रों को लंबी अवधि का पानी समाधान दिया जाए।इसके तहत अलवर के 882 और भरतपुर के 350 गांवों में पानी पहुंचाने का काम कर रहा है। इससे अलवर जिले की 15 लाख से अधिक आबादी की प्यास बुझेगी। (Parvati-Kalisindh-Chambal Eastern Rajasthan Canal Project)
इन गांवों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए 200 से अधिक क्लस्टर बनाए गए हैं। एक क्लस्टर में चार गांव शामिल किए जाएंगे। इनमें एक बड़ी टंकी बनाई जाएगी, जिसकी संख्या 60 होगी, जिसके जरिए घरों तक पानी पहुंचाया जाएगा। ईआरसीपी के जरिए अलवर को 200 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलता है। (PKC-ERCP Detail)
इससे अलवर, राजगढ़, रैणी, मालाखेड़ा, उमरैण, कठूमर, लक्ष्मणगढ़, गोविंदगढ़ और थानागाजी ब्लॉक के लोगों को फायदा मिला है। वहीं, कहा जा रहा है कि सिंचाई विभाग की भूमिका पानी लाने की है और जलदाय विभाग की भूमिका घरों तक पानी पहुंचाने की है। परियोजना पूरी होने के बाद बोरिंग के माध्यम से घरों में पानी की आपूर्ति बाधित हो जाएगी। क्लस्टर के माध्यम से ही नल घरों में पानी की आपूर्ति की जाएगी। (Rajasthan Water)
इसके लिए पंप हाउस बनाया जाएगा। पानी की किल्लत को देखते हुए विभाग की ओर से कई तरह की योजनाएं बनाई गई हैं, ताकि आम लोगों को पानी उपलब्ध कराने में किसी तरह की परेशानी न हो। गांवों में पानी की आपूर्ति के लिए क्लस्टर बनाए जाएंगे। इनके माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाएगी। परियोजना के लिए बिडिंग की प्रक्रिया चल रही है। अलवर और भरतपुर जैसे जल संकटग्रस्त जिलों को इससे दीर्घकालिक राहत मिलेगी। इस योजना के लागू होने से राजस्थान के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ जल की सतत आपूर्ति संभव होगी (Water Supply Rajasthan)