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राजस्थान में चलती फिरती मौत बनकर दौड़ रहे हैं डंपर, 1 दिन में उतारा इतने लोगो को मौत के घाट 

राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट में 6 अक्टूबर को एक बेकाबू डंपर ने पांच लोगों की जान ले ली। यह घटना एक बार फिर उस मुद्दे को उजागर करती है जो पिछले कुछ समय से चर्चा में है—ओवरलोड डंपरों का लगातार बढ़ता खतरा। प्रशासन की ढिलाई और पुलिस की आश्वासन देने की नीति के बीच, ये डंपर 24 घंटे सड़कों पर दौड़ते नजर आ रहे हैं।
 
राजस्थान में चलती फिरती मौत बनकर दौड़ रहे हैं डंपर, 1 दिन में उतारा इतने लोगो को मौत के घाट

Rajasthan News : राजस्थान के दौसा जिले के लालसोट में 6 अक्टूबर को एक बेकाबू डंपर ने पांच लोगों की जान ले ली। यह घटना एक बार फिर उस मुद्दे को उजागर करती है जो पिछले कुछ समय से चर्चा में है—ओवरलोड डंपरों का लगातार बढ़ता खतरा। प्रशासन की ढिलाई और पुलिस की आश्वासन देने की नीति के बीच, ये डंपर 24 घंटे सड़कों पर दौड़ते नजर आ रहे हैं।

हादसों का सिलसिला

बालेश्वर मोड़ (8 अप्रैल): एक डंपर ने बाइक को टक्कर मारी, जिससे कॉलेज छात्रा काजल की मौत हो गई।
खेतड़ी में हादसा: लीलाराम ने अपनी पत्नी को खोया, जब एक डंपर ने उनकी बाइक को टक्कर मारी।
कोटपूतली: यहां के डाबला रोड पर ओवरलोड डंपरों से पत्थर गिरने की घटनाएं आम हैं।

स्थान                 समस्या                                                           स्थानीय प्रतिक्रिया

नीमकाथाना         दिन में 30 से ज्यादा डंपर गुजरे                            "जीना मुश्किल हो गया है।"
खेतड़ी                थाने और अस्पताल के पास से डंपर गुजरते हैं          "24 घंटे डर रहता है।"
कोटपूतली           डाबला रोड पर पत्थर गिरने की घटनाएँ                  "कोई रोकने वाला नहीं है।"

प्रशासन का असंवेदनशील रवैया

हादसों के बाद प्रशासन द्वारा दिए गए आश्वासन अक्सर केवल बातें साबित होते हैं। जैसे ही स्थिति सामान्य होती है, डंपर फिर से बिना किसी रोक-टोक के सड़कों पर दौड़ने लगते हैं।

समाधान की आवश्यकता

सख्त नियम: ओवरलोड डंपरों के लिए सख्त नियम लागू किए जाने चाहिए।
सतत निगरानी: स्थानीय पुलिस को नियमित रूप से इन वाहनों की जांच करनी चाहिए।
जन जागरूकता: लोगों को इस मुद्दे पर जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि वे अपनी आवाज उठा सकें।

राजस्थान में ओवरलोड डंपरों का खतरा बढ़ता जा रहा है। प्रशासन की अनदेखी और पुलिस की असंवेदनशीलता से लोगों का जीवन खतरे में है। इस समस्या का समाधान तुरंत होना आवश्यक है ताकि भविष्य में और जानलेवा हादसों से बचा जा सके।