राजस्थान में अब छूमंतर हो जाएगी बिजली की समस्या! कचरे से बिजली बनाएगी राजस्थान सरकार

Rajasthan Big News: राजस्थान सरकार (Rajasthan Govt News) अब एक अनूठे कदम की ओर बढ़ रही है, जिसमें कचरे से बिजली बनाने का प्लान लागू किया जा रहा है। यह योजना राजस्थान (Rajasthan Breaking News) के लिए बड़ी राहत लेकर आ सकती है, क्योंकि राज्य में कचरा प्रबंधन और डिस्पोजल की समस्या एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। अब, आठ साल के इंतजार के बाद, राज्य में पहला "वेस्ट टू एनर्जी" प्लांट स्थापित होने जा रहा है। करीब आठ साल के इंतजार के बाद आखिरकार राजस्थान में पहला प्लांट स्थापित हो गया है, जहां कचरे से बिजली बनाई जाएगी।
इस प्लांट से नगर निगम को भी काफी फायदा होने वाला है। आखिर यह योजना क्या है और सरकार किस तरह कचरे का इस्तेमाल कर बिजली बनाकर लोगों की मदद करेगी, इसकी पूरी जानकारी उन्हें है। राज्य में इस योजना का परीक्षण 15 फरवरी से शुरू होगा। आठ साल के इंतजार के बाद योजना क्रियान्वित होगी। लांगड़ियावास में अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र का काम लगभग पूरा हो चुका है।
इस संयंत्र की मदद से कचरे को बिजली में परिवर्तित किया जाएगा। एक हजार मीट्रिक टन कचरे से बिजली पैदा की जाएगी। इससे प्रतिदिन 12 मेगावाट बिजली पैदा होती है। सबसे बड़ी बात यह है कि निगम को इसके लिए 66 रुपए प्रति मीट्रिक टन रॉयल्टी मिलेगी।
इसका मतलब यह है कि हर महीने कचरे से निगम के खाते में 20 लाख रुपए आएंगे। इस प्लांट से प्रदूषकों का निपटान भी उचित तरीके से हो सकेगा। निगम ने 2017 में ही पावर प्लांट के कचरे के लिए कार्य आदेश जारी कर दिए थे। लेकिन यह भूमि विवाद और पर्यावरणीय एनओसी को लेकर अटका हुआ है। संयंत्र का काम अब लगभग पूरा हो चुका है।
इस महीने परीक्षण के बाद अगले महीने से कचरे से बिजली पैदा की जाने लगेगी। इस संयंत्र से उत्पादित बिजली जयपुर डिस्कॉम को 7.31 रुपये प्रति यूनिट की दर से बेची जाएगी। कचरे से बिजली बनाने का यह तरीका राज्य में एक सकारात्मक बदलाव ला सकता है। आने वाले दिनों में यदि यह पहल सफल होती है, तो अन्य राज्यों के लिए भी इसे अपनाना एक आदर्श साबित हो सकता है।