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पंद्रह वर्षीय मासूम के साथ की छेड़छाड़ व मारपीट, पुलिस प्रशासन ने कार्यवाहीं की शुरू 

पंद्रह वर्षीय मासूम के साथ छेड़छाड़ और मारपीट करने के मामले में एक आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सात हजार सौ रुपये के जुर्माने से दण्डित किया है. मामले में दो अन्य आरोपियों को एक साल के लिए कोर्ट ने पाबंद किया है. विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि धौलपुर जिले के नादनपुर पुलिस थाना पर 15 वर्षीय पीड़िता ने 29 दिसंबर 2021 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमे उसने बताया कि वह 28 दिसम्बर 2021 को शौंच के लिए जा रही थी. तभी रास्ते में आरोपी महेंद्र ने उसे पकड लिया और छेड़छाड़ की. 
 
पंद्रह वर्षीय मासूम के साथ की छेड़छाड़ व मारपीट, पुलिस प्रशासन ने कार्यवाहीं की शुरू

Rajasthan News: पंद्रह वर्षीय मासूम के साथ छेड़छाड़ और मारपीट करने के मामले में एक आरोपी को दोषी करार देते हुए उसे तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही सात हजार सौ रुपये के जुर्माने से दण्डित किया है. मामले में दो अन्य आरोपियों को एक साल के लिए कोर्ट ने पाबंद किया है. विशेष न्यायालय पॉक्सो कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक संतोष मिश्रा ने बताया कि धौलपुर जिले के नादनपुर पुलिस थाना पर 15 वर्षीय पीड़िता ने 29 दिसंबर 2021 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसमे उसने बताया कि वह 28 दिसम्बर 2021 को शौंच के लिए जा रही थी. तभी रास्ते में आरोपी महेंद्र ने उसे पकड लिया और छेड़छाड़ की. 

जब पीड़िता ने इसका विरोध किया, तो आरोपी महेंद्र ने उसके साथ मारपीट कर दी. पीड़िता की आवाज सुन कर परिजन उसे बचाने आए तो उनके साथ भी आरोपी महेंद्र और उसके साथियो ने मारपीट की. पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान के दौरान आरोपी महेंद्र को गिरफ्तार कर पॉक्सो न्यायालय में पेश किया. आरोपी जमानत पर चल रहा है. मामले के दो अन्य आरोपी जीतू और धर्मेंद्र भी पुलिस जमानत पर चल रहे है. लोक अभियोजक मिश्रा ने बताया कि प्रकरण में 13 गवाह परीक्षित करा कर दस्तावेजों को साबित कराया. 

प्रकरण में न्यायाधीश राजकुमार ने दोनों पक्षों की बहस और लोक अभियोजक की दलील सुनने के बाद आज गुरुवार को महेंद्र पुत्र रामस्वरूप को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है और मामले के दो अन्य आरोपी धर्मेंद्र पुत्र रामस्वरूप और जीतू पुत्र रामस्वरूप को एक साल के लिए पाबंद किया है. साथ ही सात हजार सौ रुपये का जुर्माना से दण्डित किया है.