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हरियाणा में पांचवी तक के स्कूल रहेंगे बंद ऑनलाइन तरीके से होगी पढ़ाई, जानें क्या हैं वजह 

हरियाणा के अलग-अलग शहरों में पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने के फैसला किया है। छोटे बच्चों की सेहत को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं संचालित होंगी। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों (डीएम) और डीसी को यह निर्देश दिया है। आदेश सोमवार, 18 नवंबर से लागू हो जाएगा।हरियाणा सरकार की ओर से राज्य के सभी उपायुक्तों को पत्र जारी कर स्कूल बंद करने आदेश दिए हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान तीन (GRAP-3) के अनुसार गंभीर वायु गुणवत्ता सूचकांक के कारण कक्षा 5वीं तक के स्कूल बंद रहेंगे। 
 
हरियाणा में पांचवी तक के स्कूल रहेंगे बंद ऑनलाइन तरीके से होगी पढ़ाई, जानें क्या हैं वजह

Haryana News : हरियाणा के अलग-अलग शहरों में पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को बंद करने के फैसला किया है। छोटे बच्चों की सेहत को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। स्कूल अगले आदेश तक बंद रहेंगे। बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं संचालित होंगी। शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों (डीएम) और डीसी को यह निर्देश दिया है। आदेश सोमवार, 18 नवंबर से लागू हो जाएगा।हरियाणा सरकार की ओर से राज्य के सभी उपायुक्तों को पत्र जारी कर स्कूल बंद करने आदेश दिए हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान तीन (GRAP-3) के अनुसार गंभीर वायु गुणवत्ता सूचकांक के कारण कक्षा 5वीं तक के स्कूल बंद रहेंगे। 

सरकार ने निर्णय लिया है कि जिलों के उपायुक्त दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में गंभीर एक्यूआई स्तर को देखते हुए मौजूदा स्थिति का आंकलन करें। प्रदेश के सभी जिलों के डीसी को जारी पत्र में कहा गया कि बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के हित में पांचवीं कक्षा तक के लिए सरकारी और प्राइवेट स्कूल बंद रखे जाएं। इसकी जगह ऑनलाइन कक्षाएं आयोजित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए जाएं। वहीं, संबंधित जिलों के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों का मूल्यांकन अलग-अलग किया जा सकता है। 

ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान नहीं होगा और सिलेबस समय पर पूरा किया जा सकेगा।पिछले साल भी प्रदूषण के खतरनाक श्रेणी में पहुंचने पर स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया था। इस कदम का उद्देश्य बच्चों को प्रदूषण से बचाना और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है।हरियाणा के 12 जिलों में घना कोहरा छाया है। पश्चिमी हरियाणा में राजस्थान के इलाकों सिरसा, फतेहाबाद और हिसार में विजिबिलिटी 50 मीटर से भी कम है। वहीं, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, रोहतक, सोनीपत, पानीपत, जींद और चरखी दादरी में विजिबिलिटी 50 से 100 मीटर तक है। मौसम विभाग ने 16 नवंबर तक हरियाणा में कोहरे का ऑरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। 

वहीं राज्य के 11 शहरों में मैक्सिमम एक्यूआई 400 पार हो गया है। जींद का एक्यूआई 500 तक पहुंच गया है। जिसका अर्थ है कि यहां सांस लेने वाला व्यक्ति एक दिन में 20 से 25 सिगरेट पीने के बराबर धुआं अपने अंदर ले रहा है।हरियाणा में ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम लागू किया गया है, जिसमें एक्यूआई स्तर के आधार पर विभिन्न प्रतिबंध लगाए जाते हैं। जब एक्यूआई 200 से ऊपर जाता है, तो ग्रैप (जीआरएपी) का पहला चरण लागू होता है। अगर यह 300 को पार करता है तो दूसरा चरण लागू होता है। 

जब एक्यूआई 400 पार कर जाता है, तो गैप-3 लागू होता हैमौजूदा समय में हरियाणा में ग्रैप-3 लागू किया गया है, जिसके तहत कई गतिविधियों पर रोक लगाई गई है। बच्चों और अन्य संवेदनशील समूहों पर प्रदूषण का प्रभाव गंभीर हो सकता है। धुंध और स्मॉग की स्थिति ने शहरी क्षेत्रों को अधिक प्रभावित किया है, जिससे लोगों की दैनिक गतिविधियों पर भी असर पड़ा है। स्कूलों को बंद करने का निर्णय बच्चों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए लिया गया।हालांकि, फैसले को लागू करना जिला उपायुक्त के अधिकार क्षेत्र में रहेगा। 

मौलिक शिक्षा विभाग के महानिदेशक ने सभी जिला उपायुक्तों को पत्र लिखा है कि गंभीर वायु गुणवत्ता सूचकांक को देखते हुए पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं बंद करने का स्वत: फैसला लें। विद्यालय शिक्षा निदेशालय की ओर से स्पष्ट है कि सरकार की ओर से निर्देश जारी किए गए। दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में बिगड़ते वायु गुणवत्ता सूचकांक का आंकलन कर स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया जाए। वायु गुणवत्ता खराब होने की स्थिति में पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं ऑनलाइन लगाई जाएं।