राजस्थान में दूसरे राज्यों से आए वाहनों के लिए जरूरी सूचना! राजस्थान सरकार ने यह कार्यवाही करने की करी घोषणा, जानें

Rajasthan Transport Department: राजस्थान में परिवहन विभाग ने मार्च महीने में अपने राजस्व लक्ष्य को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से आए वाहनों पर कड़ी नजर रखना शुरू कर दिया है। विशेष रूप से, जयपुर में हरियाणा, दिल्ली और एनसीआर से आए वाहनों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सरकार का कहना है कि कई लोग अपनी शौक़ीन पसंद के कारण इन क्षेत्रों से पुरानी लग्जरी कारें खरीदकर राजस्थान में चला रहे हैं, लेकिन वे राज्य का टैक्स नहीं दे रहे। इसे अब टैक्स चोरी के अपराध के रूप में देखा जा रहा है।
क्यों हो रही है कड़ी कार्रवाई?
राजस्थान के आरटीओ विभाग ने हाल ही में यह जानकारी दी है कि जयपुर में करीब 10 हजार ऐसी कारें हैं, जो एनसीआर से खरीदकर चल रही हैं, लेकिन जिन पर राज्य का वन टाइम टैक्स नहीं दिया गया है। विभाग का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति एक महीने से अधिक समय तक दूसरे राज्य से आया वाहन राजस्थान में चला रहा है, तो उसे वन टाइम टैक्स देना अनिवार्य है। यह कदम राज्य के राजस्व को बढ़ाने और टैक्स चोरी पर रोक लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
वन टाइम टैक्स की आवश्यकता
राजस्थान में अगर कोई वाहन एक महीने से अधिक समय तक राज्य में चलता है, तो उस पर एकमुश्त (वन टाइम) टैक्स देना अनिवार्य हो जाता है। यह टैक्स वाहन की कीमत पर आधारित होता है और इसे वाहन मालिक को एक बार ही देना होता है। अगर वाहन मालिक यह साबित नहीं कर पाता कि वह सिर्फ कुछ समय के लिए जयपुर में रुका हुआ था, तो उसे जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
क्यों नहीं देना चाहिए वन टाइम टैक्स?
इस मुद्दे पर कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे: यदि कोई व्यक्ति इलाज के लिए जयपुर आया है और एक महीने से अधिक समय तक अपने वाहन का उपयोग कर रहा है, तो क्या उसे टैक्स देना चाहिए?
अगर कोई व्यक्ति शादी या किसी समारोह के लिए जयपुर आया है और वह एक महीने से अधिक समय तक रुका है, तो क्या उसे वन टाइम टैक्स देना पड़ेगा?
क्या केन्द्रीय कर्मचारी को भी राज्य में अपने तबादले के बाद वन टाइम टैक्स देना पड़ेगा?
क्या किसी व्यक्ति को तब टैक्स देना पड़ेगा, यदि उसका काम राजस्थान के अलावा दूसरे राज्य में है, लेकिन वह किसी कारणवश एक महीने तक जयपुर में रुका है?
इन सवालों के जवाबों के अनुसार, राज्य सरकार का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति स्थायी रूप से राज्य में रहने के लिए नहीं आया है, तो वह अपनी स्थिति को प्रमाणित कर सकता है और जुर्माना से बच सकता है। लेकिन यदि वह एक महीने से अधिक समय तक वाहन चला रहा है, तो वह टैक्स देने का जिम्मेदार होगा।
कितने पैसों का जुर्माना लग सकता है?
एनसीआर में वाहनों का संचालन 10 वर्ष तक तय किया गया है, इसके बाद ये वाहन बिक जाते हैं और फिर से अन्य राज्यों में कम कीमत पर बेचे जाते हैं। यदि ऐसे वाहन राजस्थान में लाए जाते हैं, तो इन पर वन टाइम टैक्स के अलावा जुर्माना भी लगाया जा सकता है। उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति एक करोड़ रुपए की कार को राजस्थान में चला रहा है, तो उसका वन टाइम टैक्स 10 से 12 लाख रुपए तक हो सकता है।
आरटीओ की कार्रवाई
आरटीओ विभाग अब विशेष रूप से उन लग्जरी कारों पर कार्रवाई कर रहा है, जो एनसीआर से खरीदकर राजस्थान में चल रही हैं, लेकिन जिन पर वन टाइम टैक्स नहीं दिया गया। विभाग का कहना है कि ऐसे मामलों में जुर्माना लगाया जाएगा और संबंधित वाहन मालिकों को चेतावनी दी जाएगी कि वे टैक्स चुकता करें।