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किसानों को लगा बड़ा झटका, राजस्थान की 13 फर्मों ने बेचा नकली खाद,  केंद्रीय मंत्रालय ने राज्य सरकार को दी सख्त चेतावनी

राजस्थान में कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाने वाला अमानक उर्वरक घोटाला सामने आया है। राज्य की 13 उर्वरक निर्माता कंपनियों ने बाजार में ऐसा नकली खाद बेचा जो पूरी तरह से गुणवत्ता विहीन पाया गया। ये नकली खाद किसानों के खेतों में इस्तेमाल हो चुका है, जिससे न केवल उनकी फसलें प्रभावित हुईं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बर्बाद हो गई।
 
Rajasthan Substandard fertilizer scam

Rajasthan Substandard fertilizer scam: राजस्थान में कृषि क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाने वाला अमानक उर्वरक घोटाला सामने आया है। राज्य की 13 उर्वरक निर्माता कंपनियों ने बाजार में ऐसा नकली खाद बेचा जो पूरी तरह से गुणवत्ता विहीन पाया गया। ये नकली खाद किसानों के खेतों में इस्तेमाल हो चुका है, जिससे न केवल उनकी फसलें प्रभावित हुईं, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बर्बाद हो गई।

पूरा मामला 

राज्य के कृषि निदेशालय ने दो वर्षों की लंबी जांच के बाद पाया कि इन कंपनियों ने जानबूझकर अमानक उर्वरक तैयार कर उसे देशभर के बाजारों में सप्लाई किया। इन उर्वरकों में सक्रिय तत्व (Active Ingredients) शून्य पाए गए।

जिन 13 फर्मों पर कार्रवाई हुई

1    कुबेर फर्टिकैम रींगस    जयपुर
2    क्रिस्टा क्रोप साइंस प्रा. लि.    -
3    इंडिया बायोटेक एंड केमिकल्स    श्रीगंगानगर
4    हरिसन रसायन प्रा. लि.    जयपुर
5    मोनटेक्सो एग्रीटेक सोल्यूशन्स    श्रीगंगानगर
6    इंडियन पोटाश लि.    जयपुर
7    जयपुर बायो फर्टिलाइजर्स    जयपुर
8    उज्जवला केमिकल एंड फर्टिलाइजर्स    हनुमानगढ़
9    जी.एस. क्रोप साइंस    श्रीगंगानगर
10    रॉयल केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स    सीकर
11    न्यू कैम एग्रो प्रा. लि.    जयपुर
12    साधना फास्फेट ऐंड केमिकल्स लि.    उदयपुर
13    मेक्लोयड्स क्रोप प्रोटेक्शन    जयपुर

 जांच में क्या निकला?

सभी उर्वरकों के नमूनों की क्वालिटी कंट्रोल लैब में जांच की गई। सभी नमूनों में सक्रिय तत्व शून्य मिला। यह स्पष्ट धोखाधड़ी और किसानों के हितों के साथ खिलवाड़ है। 2023 में सैंपल लिए गए थे। कार्रवाई 4 अप्रैल 2025 को हुई। इस बीच फर्मों ने हजारों टन नकली उर्वरक बाजार में खपा दिया। 

लाइसेंस तो रद्द हुए, लेकिन फैक्ट्री सील क्यों नहीं?

हालांकि 13 फर्मों के उत्पादन और बिक्री लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं, परन्तु अब तक किसी भी फैक्ट्री को सील नहीं किया गया है। इससे सरकार की कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

केंद्र सरकार की सख्त चेतावनी

केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही पिछले एक साल की उत्पादन और बिक्री रिपोर्ट भी तलब की गई है।