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क्या नरेश मीणा के पीछे हैं कांग्रेस के बागियों का हाथ, जानिए मीणा के बारें में सबकुछ 

नरेश मीणा राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के एक बागी नेता हैं, जो हाल ही में सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। यह घटना 2023 के उपचुनाव के दौरान हुई थी, जब मीणा अपने समर्थकों के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचे थे और वहाँ पर तैनात एसडीएम के साथ उनकी किसी बात को लेकर विवाद हो गया, जिसके बाद उन्होंने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद इस घटना को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने पेन डाउन हड़ताल शुरू कर दी।
 
क्या नरेश मीणा के पीछे हैं कांग्रेस के बागियों का हाथ, जानिए मीणा के बारें में सबकुछ

Rajasthan News : नरेश मीणा राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस के एक बागी नेता हैं, जो हाल ही में सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया था। यह घटना 2023 के उपचुनाव के दौरान हुई थी, जब मीणा अपने समर्थकों के साथ मतदान केंद्र पर पहुंचे थे और वहाँ पर तैनात एसडीएम के साथ उनकी किसी बात को लेकर विवाद हो गया, जिसके बाद उन्होंने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया। इसके बाद इस घटना को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों में भारी आक्रोश फैल गया और उन्होंने पेन डाउन हड़ताल शुरू कर दी।

नरेश मीणा का राजनीति में एक लंबा सफर रहा है, लेकिन वे कांग्रेस पार्टी के लिए काम करने के बाद अब एक बागी उम्मीदवार बन चुके हैं। मीणा ने अपनी राजनीति की शुरुआत कांग्रेस से की थी, लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी लाइन से अलग होकर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। नरेश मीणा ने कांग्रेस में अपने कार्यकाल के दौरान कई अहम पदों पर काम किया, लेकिन जब उन्हें अपनी उम्मीदवारी के हिसाब से पार्टी से समर्थन नहीं मिला, तो उन्होंने बगावत का रास्ता चुना। उनका कहना है कि उन्हें पार्टी में उचित सम्मान और स्थान नहीं मिल रहा था, जिससे वे असंतुष्ट हो गए। इसके बाद उन्होंने अपनी उम्मीदवारी के लिए चुनावी मैदान में उतरने का फैसला लिया।

 नरेश मीणा ने देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। उनका मुकाबला कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवारों से था। उन्होंने अपने समर्थकों के बीच अच्छा प्रभाव बनाने के लिए चुनावी प्रचार किया, लेकिन बाद में बगावत करने के कारण उनके खिलाफ पार्टी के भीतर विरोध भी था।नरेश मीणा अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान कई बार विवादों में घिरे रहे हैं। हाल ही में हुए एसडीएम को थप्पड़ मारने के मामले में उनका नाम प्रमुख रूप से सामने आया है। यह घटना तब हुई जब मीणा और एसडीएम के बीच किसी मुद्दे पर मतभेद हुआ और गुस्से में आकर उन्होंने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया। इस घटना ने पूरे राज्य में तूल पकड़ लिया और प्रशासनिक अधिकारियों में आक्रोश फैल गया।

नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने के बाद राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अधिकारियों ने हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया। उनकी मुख्य मांगों में नरेश मीणा की गिरफ्तारी, अधिकारियों के साथ हिंसा पर सख्त कानूनी कार्रवाई, और आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले नेताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग शामिल थी। प्रशासनिक कर्मचारियों ने कहा कि इस घटना के कारण उनका मनोबल गिरा है और अगर उचित कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन तेज हो सकता है।घटना के बाद नरेश मीणा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद RAS एसोसिएशन ने मीणा के खिलाफ 10 आपराधिक धाराएं लगाने की मांग की। इसके साथ ही एसोसिएशन ने नरेश मीणा के खिलाफ चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप और हिंसा पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

कांग्रेस पार्टी ने नरेश मीणा की इस घटना को गंभीरता से लिया है और उनका साथ छोड़ दिया है। पार्टी ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसी हिंसक घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और नरेश मीणा के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।राजस्थान में इस घटना को लेकर राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों ने गंभीर नाराजगी जताई और हड़ताल पर चले गए। उन्होंने नरेश मीणा के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई की मांग की और निर्वाचन आयोग से उनकी अयोग्यता की प्रक्रिया शुरू करने की अपील की।

नरेश मीणा की गिरफ्तारी और एसडीएम के साथ हुई घटना ने राजनीति, प्रशासन और जनता के बीच भारी विवाद खड़ा कर दिया है। उनकी कार्रवाई ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि नेताओं को अपनी सार्वजनिक जिम्मेदारी और राजनीतिक आचरण के प्रति संवेदनशील कैसे बनाना चाहिए। अगर नरेश मीणा पर कड़ी कार्रवाई की जाती है, तो यह अन्य नेताओं के लिए भी एक संदेश होगा कि प्रशासन और चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रकार की हिंसा या अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।