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राजस्थान में फिर से 2 जिलों का पारा हुआ तेज , जानें पूरा मामला 

गहलोत राज में बनाए गए नए जिले सांचौर को बचाने के लिए पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. सांचौर जिले अस्तित्व को बचाने की मुहिम छेड़ दी है. इसके तहत दो दिन बाद सांचौर बंद का आह्वान किया गया है. इसके लिए व्यापारियों से समर्थन मांगा गया है. वहीं स्कूलों को बंद रखकर वहां बच्चों से भी धरना दिलाने की अपील की जा रही है. 
 
राजस्थान में फिर से 2 जिलों का पारा हुआ तेज , जानें पूरा मामला 

Rajasthan News : गहलोत राज में बनाए गए नए जिले सांचौर को बचाने के लिए पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. सांचौर जिले अस्तित्व को बचाने की मुहिम छेड़ दी है. इसके तहत दो दिन बाद सांचौर बंद का आह्वान किया गया है. इसके लिए व्यापारियों से समर्थन मांगा गया है. वहीं स्कूलों को बंद रखकर वहां बच्चों से भी धरना दिलाने की अपील की जा रही है. 

कुल मिलाकर सांचौर के लोग अपने जिले को बचाने के लिए अब अग्नि परीक्षा से भी गुजरने को तैयार हो रहे हैं. सांचौर में जिला बचाओ संघर्ष समिति की ओर से कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे पूर्वीवर्ती गहलोत सरकार के पूर्व मंत्री सुखराम बिश्नोई ने इसके लिए बड़ी अपील की है. बिश्नोई ने कहा कि सांचौर जिले के वजूद को बनाए रखने के लिए अब बड़ी लड़ाई लड़ने पड़ेगी. 

उन्होंने सांचौर समेत आसपास के बड़े कस्बों और गांवों के लोगों से अपील की है कि वे 28 सितंबर को सांचौर पहुंचे. व्यापारी बाजार बंद रखें. इसके साथ ही बिश्नोई ने प्राइवेट स्कूलों के संचालकों से अपील है कि वे अपने-अपने संस्थान बंद रखकर बंद के आह्वान को सफल बनाएं. यही नहीं प्राइवेट स्कूल बंद रखकर बच्चों से वहां धरना भी दिलवाएं. उन्होंने व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर सहयोग करने का आग्रह किया है. जिले को बचाए रखने के लिए जिला बचाओ संघर्ष समिति जी जान से जुट गई है. बंद को सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही है.

बिश्नोई का कहना है सांचौर के एसपी और एडीम को हटा दिया गया है. नगर परिषद को फिर से नगर पालिका बना दिया गया है. उल्लेखनीय है कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश में 17 नए जिले और तीन संभाग मुख्यालय बनाए थे. लेकिन भजनलाल सरकार ने इन जिलों के गठन की समीक्षा करवाने के लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन कर रखा है. यह कमेटी पूरी समीक्षा कर तय करेगी कि इनमें से कितने जिलों को बरकरार रखा जाए और कितनों को वापस दूसरे जिलों में मर्ज किया जाए. सांचौर के जिला बचाओ समिति को लग रहा है कि भजनलाल सरकार उनके जिले के अस्तित्व को समाप्त कर सकती है. लिहाजा वे इसे बचाने के लिए शक्ति प्रदर्शन की तैयारियां कर रहे हैं.