अब इन प्राइवेट सेंटरों पर रहेगी सरकार की नजर, सीएम भजनलाल की बैठक में लिए गए अहम फैंसले

Rajatshan News : राजस्थान में शनिवार शाम को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण कैबिनेट बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में राज्य सरकार के विभिन्न मंत्री और अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में कई अहम फैसले लिए गए, जो राज्य के विकास और जनता की भलाई के लिए महत्वपूर्ण हैं।
कैबिनेट बैठक में लिए गए प्रमुख फैसले
बढ़ते हुए कोचिंग सेंटरों के दबाव और छात्रों पर मानसिक तनाव को ध्यान में रखते हुए, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कोचिंग सेंटर रेगुलेट बिल को मंजूरी दी। अब 50 या इससे अधिक छात्रों वाले कोचिंग सेंटर को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। अगर कोई कोचिंग सेंटर नियमों का उल्लंघन करता है, तो उस पर पहले ₹2 लाख और फिर दूसरी बार ₹5 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बाद कोचिंग सेंटर की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
किसानों के लिए दिन में बिजली आपूर्ति
किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने पावर सेक्टर में बड़े बदलाव करने की योजना बनाई है। 2027 तक केंद्र सरकार के सहयोग से बिजली उत्पादन को बढ़ाया जाएगा और किसानों को सुनिश्चित रूप से दिन में बिजली की आपूर्ति की जाएगी। राज्य के विभिन्न हिस्सों में बिजली उत्पादन के लिए भूमि आवंटन भी किया गया है, ताकि उत्पादन की गति तेज हो सके।
इलेक्ट्रिशन के पदनाम में बदलाव
कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब 'इलेक्ट्रिशन' के पद को 'इलेक्ट्रिशन ग्रेड 1' और 'असिस्टेंट इलेक्ट्रिशन' के पद को 'इलेक्ट्रिशन ग्रेड 2' के रूप में बदल दिया जाएगा।
शिक्षक के पदनाम में बदलाव
शिक्षक के पदनाम को अब यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) के नियमों के अनुसार निर्धारित किया जाएगा, ताकि शिक्षा प्रणाली में सुधार और स्पष्टता लाई जा सके।
राजस्थान कौशल विधि प्रस्ताव
राजस्थान में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए कौशल विधि प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इस पहल से युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर मिलेंगे।
सिविल सेवा नियमों में संशोधन
राज्य सरकार ने सिविल सेवा नियमों में संशोधन की योजना बनाई है, जिससे सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिक पारदर्शिता और सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।
केंद्र के आधार पर ग्रेच्यूटी का लाभ
अब राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के समान ग्रेच्यूटी का लाभ मिलेगा, जिससे कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।