राजस्थान को मिली विकास की नई दिशा, सीकर में रिंग रोड और चंदपुरा रोड पर ओवरब्रिज

Rajatshan News : सीकर, राजस्थान का एक महत्वपूर्ण शहर, हाल ही में यातायात की बढ़ती समस्याओं का सामना कर रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए, सरकार ने जयपुर की तर्ज पर रिंग रोड बनाने का विचार किया है। इसके अलावा, विभिन्न स्थानों पर पुलिया निर्माण की योजना भी बनाई गई है। लेकिन विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का मानना है कि फिलहाल चंदपुरा रोड पर ओवरब्रिज बनाना सही नहीं होगा। आइए जानते हैं इस विषय पर क्या तर्क दिए जा रहे हैं।
रिंग रोड का प्रस्ताव और इसके लाभ
सीकर में रिंग रोड बनाने का उद्देश्य शहर की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाना और बढ़ते ट्रैफिक को नियंत्रित करना है। यह रिंग रोड, जयपुर के रिंग रोड की तरह, फोरलेन बाइपास होगा और शहर के बाहर से आने-जाने वाले वाहनों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग प्रदान करेगा। रिंग रोड के बनने से शहर के भीतर ट्रैफिक का दबाव कम होगा। रिंग रोड का निर्माण होने से सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आने की संभावना है।यह विभिन्न क्षेत्रों को तेजी से जोड़ने में मदद करेगा, जैसे जयपुर-बीकानेर बाइपास, जो फोरलेन बनने वाला है।
चंदपुरा रोड पर ओवरब्रिज के निर्माण पर विवाद
विशेषज्ञों का मानना है कि चंदपुरा रोड पर फिलहाल ओवरब्रिज बनाना सही नहीं होगा। उनके अनुसार, इस समय चंदपुरा रोड पर यातायात का प्रेशर बहुत कम है, और रिंग रोड बनने के बाद इस पर और भी दबाव कम हो जाएगा। इसके अलावा, चंदपुरा क्षेत्र में पुलिया बनवाने से स्थानीय लोगों के लिए नई समस्याएं पैदा हो सकती हैं, क्योंकि इससे बसों का प्रवेश भी प्रभावित होगा।
वर्तमान में, चंदपुरा रोड पर यातायात का दबाव बहुत अधिक नहीं है। रिंग रोड के बनने के बाद चंदपुरा रोड पर यातायात का दबाव और कम हो जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि फिलहाल इस रोड पर पुलिया बनाने से कोई विशेष लाभ नहीं होगा, और यह उल्टा समस्याओं को बढ़ा सकता है।
कहाँ और क्यों जरूरी है?
जहां एक ओर चंदपुरा रोड पर ओवरब्रिज की आवश्यकता नहीं लगती, वहीं सीकर के कुछ अन्य स्थानों पर पुलिया बनाने की बहुत जरूरत है। इस स्थान पर यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। यहां पुलिया बनवाना जरूरी है।सालासर जाने वाले श्रद्धालुओं के कारण इस मार्ग पर भारी ट्रैफिक रहता है, और कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। यहां पुलिया की जरूरत महसूस की जा रही है। यहां पर ग्रामीण क्षेत्र से आने वाले वाहनों के कारण दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ रही है। पुलिया बनने से यह समस्या कम हो सकती है।
सीकर में पानी निकासी की व्यवस्था भी एक बड़ी समस्या है। बारिश के दौरान कई स्थानों पर जलभराव हो जाता है, जैसे रामू का बास तिराहे से भढाडर तक। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना उचित पानी निकासी व्यवस्था के पुलिया बनवाना कोई समाधान नहीं होगा। प्रशासन ने 350 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार किया है, लेकिन इस परियोजना को अभी तक मंजूरी नहीं मिली है।