Khelorajasthan

राजस्थान के सरकारी अस्पतालों आज से बदल समय, जानें अब से कितने बजे खुला करेंगे अस्पताल 

राजस्थान में प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मान सिंह अस्पताल समेत दूसरे अस्पतालों में OPD समय बदला है। शीतकालीन व्यवस्था के तहत एक अक्टूबर से OPD समय बदलेगा। 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह 9 बजे से OPD शुरू होगी। सामान्य दिनों में दोपहर 3 बजे तक OPD चलेगी।  SMS अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी के निर्देश पर तैयारियां पूरी कर ली है। रजिस्ट्रेशन का काम सुबह 8.30 बजे से शुरू होगा। 
 
राजस्थान के सरकारी अस्पतालों आज से बदल समय, जानें अब से कितने बजे खुला करेंगे अस्पताल 

Rajasthan News : राजस्थान में प्रदेश के सबसे बड़े सवाई मान सिंह अस्पताल समेत दूसरे अस्पतालों में OPD समय बदला है। शीतकालीन व्यवस्था के तहत एक अक्टूबर से OPD समय बदलेगा। 1 अक्टूबर से 31 मार्च तक सुबह 9 बजे से OPD शुरू होगी। सामान्य दिनों में दोपहर 3 बजे तक OPD चलेगी।  SMS अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुशील भाटी के निर्देश पर तैयारियां पूरी कर ली है। रजिस्ट्रेशन का काम सुबह 8.30 बजे से शुरू होगा। 

दोपहर 3 बजे तक जारी रहेगा। रविवार और राजपत्रित अवकाश के दिन OPD 2 घंटे चलेगी। सुबह 9 बजे से 11 बजे तक OPD संचालित होगी। वहीं, सरकारी छुट्टियों के दिन अस्पताल का समय सुबह 9 से 11 बजे तक रहेगा। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि विगत कुछ दिन से मौसमी बीमारियों के केस में वृद्धि को देखते हुए चिकित्सा विभाग हाई अलर्ट मोड पर रहते हुए अपने दायित्वों का निर्वहन करे। सभी अधिकारी एवं कार्मिक कार्य स्थल पर उपस्थित रहते हुए रोगियों को तत्काल जांच एवं उपचार सेवाएं उपलब्ध कराएं।

 मौसमी बीमारियों के प्रबंधन में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं हो।स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने स्वास्थ्य भवन में आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में प्रदेशभर में मौसमी बीमारियों की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार आगामी करीब एक माह मौसमी बीमारियों की दृष्टि से चुनौतीपूर्ण है, इसे ध्यान में रखते हुए मौसमी बीमारियों पर नियंत्रण के माकूल इंतजाम सुनिश्चित किए जाएं। चिकित्सा मंत्री ने कहा कि जिन जिलों में मौसमी बीमारियों के केस ज्यादा सामने आ रहे हैं, वहां विशेष सतर्कता बरती जाए। अधिकारी इन जिलों में लगातार निगरानी रखते हुए सघन रोकथाम गतिविधियां संचालित करवाएं। एंटीलार्वल, सोर्स रिडक्शन एवं फॉगिंग सहित अन्य गतिविधियां नियमित रूप से हों। इसके लिए नगरीय निकाय सहित संबंधित विभागों के साथ समुचित समन्वय स्थापित किया जाए।