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Rajasthan News पंचायत पुनर्गठन पर राजस्थान सरकार का बड़ा आदेश, फटाफट देखे पूरा मामला 

 
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Rajasthan News: राजस्थान उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को समिति की रिपोर्ट आने तक ग्राम पंचायत पुनर्गठन पर अधिसूचना जारी नहीं करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति दिनेश मेहता की एकलपीठ ने शुक्रवार को ग्राम पंचायतों के प्रस्तावित पुनर्गठन को चुनौती देने वाली 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश जारी किया।

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि राज्य सरकार ने पुनर्गठन प्रक्रिया के संबंध में 10 जनवरी, 2025 को जारी दिशा-निर्देशों का घोर उल्लंघन किया है।

क्या है याचिकाकर्ता का दावा?

याचिकाओं में गांवों को जोड़ने और हटाने में कथित पारदर्शिता की कमी को लेकर चिंता जताई गई है। उनका दावा है कि कई नए पंचायत मुख्यालय दूरदराज या अपेक्षाकृत कम आबादी वाले गांवों में स्थापित करने की योजना है। इसके अलावा, कुछ प्रस्तावों में ऐसे स्थान शामिल हैं जहां पंचायत भवनों के निर्माण के लिए उपयुक्त भूमि उपलब्ध नहीं है।

दावा किया गया है कि अधिक विकसित और अधिक आबादी वाले गांवों को प्राथमिकता देने के बजाय सीमित बुनियादी ढांचे वाले कम विकसित क्षेत्रों को मुख्यालय के रूप में नामित किया जा रहा है।

सरकारी वकील ने क्या कहा?

राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद ने अदालत को आश्वासन दिया कि प्रस्ताव अभी प्रारंभिक चरण में हैं। जिला कलेक्टरों से प्राप्त प्रस्तुतियों की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जिला कलेक्टरों को स्थानीय निवासियों द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर सावधानीपूर्वक विचार करने के बाद ही राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए गए हैं। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने अगली सुनवाई 7 जुलाई तय की और विश्वास व्यक्त किया कि जिला मजिस्ट्रेट सभी आपत्तियों का निष्पक्ष मूल्यांकन करेंगे। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि सभी याचिकाओं पर आपत्तियों की सूची अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के माध्यम से समिति को सौंपी जाए। समिति से अपेक्षा की जाती है कि वह 10 जनवरी, 2025 के दिशा-निर्देशों और अदालत की टिप्पणियों के अनुसार सभी प्रस्तावों पर निर्णय लेगी।