राजस्थान के सरकारी स्कूलों में अब ऑनलाइन लगेगी बच्चों की हाजरी, इन 339 विद्यालयों में शुरू होगा पायलट प्रोजेक्ट

Rajsthan News: राजस्थान के सरकारी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों पर पहले से ही अनगिनत गैर शैक्षणिक कार्यों का बोझ है और अब उन पर एक और नया कार्यभार थोपा जा रहा है। अभी तक सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की ऑफलाइन उपस्थिति ली जा रही थी। हालांकि पायलट प्रोजेक्ट के तहत अब राज्य के चिन्हित सरकारी स्कूलों में मोबाइल एप से विद्यार्थियों की उपस्थिति ली जाएगी।
प्रथम चरण में राज्य के 339 विद्यालयों का चयन किया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि छात्रों की उपस्थिति का विवरण विभाग तक पहुंचे। एक बार उपस्थिति दर्ज हो जाने पर उसी दिन संशोधन का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा। मोबाइल एप से ली गई उपस्थिति शाला दर्पण पोर्टल पर भी देखी जा सकेगी।
यह योजना राज्य के सभी 134 स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों और 205 महात्मा गांधी राजकीय स्कूलों में पायलट परियोजना के रूप में शुरू की गई है। इसने डूंगरपुर जिले के कुल 11 स्कूलों में यह प्रणाली लागू की है। विभागीय सूत्रों के अनुसार एनआईसी ने शाला दर्पण पोर्टल पर सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की दैनिक उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज करने के लिए नया मोबाइल एंड्राइड एप विकसित किया है।
इस ऐप के माध्यम से कक्षा अध्यापक अपनी स्टाफ आईडी से कक्षा के विद्यार्थियों की उपस्थिति का विवरण दे सकेंगे। इससे विद्यार्थी की तिथिवार उपस्थिति अंकित हो जाएगी। बाद में यह डेटा स्कूल लॉगिन सहित ब्लॉक, जिला और राज्य स्तरीय कार्यालयों के लॉगिन पर आसानी से उपलब्ध हो जाएगा।
उपस्थिति संबंधी दिशा-निर्देश प्रधानाचार्य स्वयं एवं समस्त स्टाफ को अपने मोबाइल में शाला दर्पण ऐप डाउनलोड कराना होगा। इसके बाद प्रत्येक कक्षा के कक्षा शिक्षक की मैपिंग शाला दर्पण पोर्टल पर की जाएगी। कक्षा शिक्षक को दिन के पहले भाग में प्रत्येक छात्र की उपस्थिति दर्ज करनी होगी। कक्षा शिक्षक की अनुपस्थिति में कक्षा की उपस्थिति प्रधानाचार्य के लॉगिन से दर्ज की जाएगी। यदि किसी विद्यार्थी की उपस्थिति एप पर दर्ज नहीं होगी तो फार्म-09 भरना होगा।
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ग्रामीण क्षेत्रों में परेशानी... शिक्षक संगठन अब विभाग के इन आदेशों का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह शहरी क्षेत्रों में काम करेगा। लेकिन, राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षक शाला दर्पण एप पर विद्यार्थियों की उपस्थिति कैसे सुनिश्चित करेंगे? ग्रामीण क्षेत्रों में जहां इंटरनेट सेवाएं सुचारू नहीं हैं, जहां शिक्षकों की उपस्थिति बाद में दर्ज की जाती है, वहां विद्यार्थियों की उपस्थिति दर्ज करना आसान नहीं होगा। शिक्षक संघों का कहना है कि शिक्षकों पर पहले से ही काम का बोझ इतना अधिक है कि विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने से कार्यभार और बढ़ जाएगा। इससे समय की और अधिक बर्बादी होगी. इस बीच शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होगी।
पिछली सरकार ने भी शुरू की थी ऑनलाइन हाजिरी योजना प्रदेश की पिछली सरकार ने भी शिक्षक दिवस पर राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान कार्यक्रम में शिक्षक मोबाइल एप की शुरुआत की थी। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने इसके क्रियान्वयन के संबंध में निर्देश भी जारी कर दिए हैं। यह आदेश 2 अक्टूबर को जारी किया गया और 2 अक्टूबर से लागू किया गया। हालाँकि, शिक्षक संगठनों के भारी विरोध के कारण इसे दो दिन बाद ही स्थगित कर दिया गया।
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जिले में चयनित विद्यालयों के नाम डूंगरपुर जिले में प्रथम चरण में कुल 11 विद्यालयों का चयन किया गया। स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल आसपुर, स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल बिछीवाड़ा, स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल डूंगरपुर, स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल सागवाड़ा, स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूल सीमलवाड़ा, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय चिखली, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय फाल्स, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय टाउन डूंगरपुर, महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय चितरी नवीन, महात्मा गांधी ढी राजकीय विद्यालय झौथरीपाल और महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय साबला का चयन किया गया है।