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राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों की हुई बल्ले-बल्ले, हाई कोर्ट का पक्ष में आया ये बड़ा फैसला, जानें 

 
 
हाई कोर्ट का पक्ष में आया ये बड़ा फैसला

Rajsthan News: राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। पिछले शुक्रवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया जिसके तहत राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों की एपीओ अवधि अब 30 दिन से अधिक नहीं हो सकेगी। इसके अलावा, इसका उपयोग स्थानांतरण या दंड के रूप में नहीं किया जा सकता। यह आदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरुण मोंगा की एकल पीठ ने जारी किया।

हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव को इस संबंध में प्रशासनिक आदेश जारी करने का भी निर्देश दिया है। डॉ। लिपसिंह चौधरी, गणराज विश्नोई, डा. यह निर्णय मांगीलाल सोनी और लक्ष्मीनारायण कुम्हार सहित 56 याचिकाकर्ताओं की याचिका पर सुनवाई के दौरान लिया गया।

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याचिकाकर्ता डॉ. दिलीप सिंह चौधरी को 2015 में चिकित्सा अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया था। 6 वर्ष की सेवा के बाद उन्हें वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया गया। हालांकि, विभाग ने बिना कारण बताए 19 फरवरी, 2024 को एपीओ कर दिया।

उनकी जिम्मेदारियां तीन साल जूनियर को सौंप दी गईं। डॉ. चौधरी ने एपीओ के आदेश के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी। इस मामले में न्यायालय ने आदेश जारी कर कहा कि एपीओ आदेश केवल राजस्थान सेवा नियमों में दी गई परिस्थितियों में ही जारी किए जाएंगे।

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जिसके बाद डॉ. दिलीप चौधरी ने प्रारंभिक सुनवाई में एपीओ आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार से जवाब मांगा था। सरकार ने जवाब में बताया कि एपीओ आदेश प्रशासनिक आवश्यकता एवं लोकहित में राजस्थान सेवा नियम 25ए के तहत जारी किया गया था। उच्च न्यायालय ने पूर्व न्यायिक निर्णयों का हवाला देते हुए राजस्थान सेवा नियम 1951 के प्रावधानों की विस्तृत जांच की तथा उच्च न्यायालय ने सभी एपीओ आदेशों को निरस्त कर दिया।