Rajasthan News: दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे पर अद्भुत सुरंग का होगा निर्माण! प्रोजेट पर खर्च होंगे 1,000 करोड़ रुपए

Delhi-Mumbai Expressway: दिल्ली-मुम्बई 8 लेन एक्सप्रेस-वे पर दरा में बनी रही 3.3 किमी लंबी और 38 मीटर चौड़ी सुरंग, जो अपनी अत्याधुनिक सुविधाओं और मजबूत सुरक्षा व्यवस्थाओं के कारण चर्चा का विषय बनी हुई है। यह सुरंग न केवल यात्रियों की सुरक्षा का ध्यान रखेगी, बल्कि इसे बनाते समय पर्यावरणीय सुरक्षा, कनेक्टिविटी और तकनीकी उत्कृष्टता का भी पूरा ध्यान रखा गया है।
इस सुरंग के निर्माण में करीब 1,000 करोड़ रुपये की लागत आ रही है और इसकी शुरुआत जून 2025 तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद दिसंबर 2025 तक सभी निर्माण कार्यों को खत्म करने का लक्ष्य है। सुरंग का उद्घाटन जनवरी 2026 तक हो सकता है।
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मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व क्षेत्र के दारा में 1,000 करोड़ रुपये की लागत से इस सुरंग का निर्माण किया गया है और यह 3.3 किलोमीटर लंबी है। वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सुरंग के दोनों ओर 1.6 किलोमीटर का क्षेत्र बनाया जाएगा। इस स्थिति में सुरंग की लंबाई 4.9 किमी होगी।
एटलेन सुरंग की खुदाई दो अलग-अलग समानांतर खंडों में की जा रही है और यह अपने अंतिम चरण में है। खुदाई का काम जून तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद दिसंबर 2025 तक शेष सात महीनों में निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया। आवश्यक परमिट प्राप्त करने के बाद इसे जनवरी 2026 तक खोलने की योजना है।
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निर्माण कंपनी दिल्ली बिल्डकॉन लिमिटेड के महाप्रबंधक संजय कुमार राठौड़ ने कहा कि सुरंग की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ऐसी स्थिति में 12 जगहों पर आपातकाल लागू करने के लिए इसे संयुक्त किया गया। ऐसे में दुर्घटना समेत किसी भी आपात स्थिति में आप यहां से आसानी से निकल सकते हैं। चूंकि सुरंग काफी लंबी है, इसलिए इसमें वेंटिलेशन की विशेष व्यवस्था की जाएगी।
वाहन चालकों को अचानक प्रकाश परिवर्तन से बचाने के लिए सुरंग के दोनों ओर बड़ी लाइटें तथा बीच में छोटी लाइटें लगाई जाएंगी। इस स्थिति में यदि कोई वाहन तेज गति से चल रहा है तो उसे समान प्रकाश मिलेगा। इसके साथ ही सुरंग में स्वचालित अग्नि सुरक्षा उपकरण भी लगाए जाएंगे। यात्रियों को पूर्ण मोबाइल एवं इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने के लिए सुरंग के अंदर वाई-फाई एवं एफएम सुविधा भी आसानी से उपलब्ध होगी।
इसमें जहरीली गैस का पता लगाने के लिए अत्याधुनिक प्रदूषण डिटेक्टर सेंसर लगे होंगे। इससे न केवल सुरंग में नाइट्रोजन, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर जैसी खतरनाक गैसों पर पूरी निगरानी रखी जाएगी, बल्कि इन्हें हटाने के लिए विश्व स्तरीय स्वचालित तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा। सुरंग में ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 104 ब्लास्ट पंखे लगाए जाएंगे।