Rajasthan News : भजनलाल सरकार ने ख़त्म किए बनने वाले जिले, कांग्रेस नेताओं ने किया विरोध प्रदर्शन
राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियाँ गर्मा गई हैं, और आने वाले महीनों में सियासी पारा चरम पर पहुंचने वाला है। राज्य सरकार द्वारा कुछ जिलों और संभागों को समाप्त करने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है। इस फैसले का विरोध कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है, और पार्टी ने इस मुद्दे को विधानसभा में भी जोर-शोर से उठाने की योजना बनाई है।

Rajasthan News : राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियाँ गर्मा गई हैं, और आने वाले महीनों में सियासी पारा चरम पर पहुंचने वाला है। राज्य सरकार द्वारा कुछ जिलों और संभागों को समाप्त करने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने सड़कों पर उतरने का ऐलान किया है। इस फैसले का विरोध कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है, और पार्टी ने इस मुद्दे को विधानसभा में भी जोर-शोर से उठाने की योजना बनाई है।
कांग्रेस का बड़ा आंदोलन
सीकर जिले से इस विरोध की शुरुआत हुई, जहां कांग्रेस ने एक बैठक आयोजित कर सरकार के फैसले के खिलाफ आंदोलन की रूपरेखा तैयार की। कांग्रेस का कहना है कि जिले और संभागों का समाप्त करना राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को कमजोर करेगा और इससे आम जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। पार्टी ने इस फैसले को अधिकारों का हनन और राज्य की एकता में दरार डालने वाला कदम बताया है।
संघर्ष समितियों का गठन और बड़े प्रदर्शन की तैयारी
कांग्रेस पार्टी ने अपनी रणनीति को आगे बढ़ाते हुए संघर्ष समितियों का गठन करने का ऐलान किया है। ये समितियाँ राज्यभर के उन जिलों और संभागों में बनाई जाएंगी जिनका प्रशासनिक ढांचा समाप्त किया गया है। इन समितियों का मुख्य उद्देश्य लोगों को जागरूक करना और आंदोलन को सशक्त बनाना होगा।
विधानसभा में कांग्रेस का विरोध
कांग्रेस पार्टी का उद्देश्य विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी इस मुद्दे को लेकर कड़ा विरोध करना है। जल्द ही सरकार विधानसभा का बजट सत्र बुलाने वाली है, और कांग्रेस इस मौके को पूरी तरह से भुनाने के लिए तैयार है। पार्टी की योजना है कि इस सत्र में सदन में भी जबरदस्त विरोध दर्ज करवाया जाएगा, जिससे सरकार को यह महसूस हो कि यह मुद्दा राज्य के बड़े हिस्से में चिंता का कारण बन चुका है।
विधानसभा में कांग्रेस की रणनीति
सीकर के बाद अब कांग्रेस पार्टी राज्य के अन्य जिलों और संभाग मुख्यालयों में बैठकें आयोजित करेगी। इन बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी, और पार्टी के कार्यकर्ताओं को एकजुट कर आंदोलन की दिशा तय की जाएगी। पार्टी ने यह भी कहा है कि अगले कुछ महीनों में राज्यभर में विरोध की आवाज तेज़ हो जाएगी, जिससे सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया जाएगा।