Khelorajasthan

Rajasthan News : राजस्थान की आम जनता को बड़ा झटका, अचानक से बढ़ गए चीनी के दाम 

राजस्थान में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने चार साल पहले बिना किसी आदेश और सूचना के सरकारी राशन की दुकानों पर चीनी की आपूर्ति बंद कर दी थी। इस कदम से राज्य के लाखों बीपीएल और अंत्योदय परिवारों को सस्ती चीनी नहीं मिल पा रही है। जबकि देश के कई अन्य राज्यों में अभी भी चीनी की आपूर्ति जारी है, राजस्थान में मार्च 2021 के बाद से चीनी का आवंटन बंद कर दिया गया है।
 
Rajasthan News : राजस्थान की आम जनता को बड़ा झटका, अचानक से बढ़ गए चीनी के दाम 

Rajasthan News : राजस्थान में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने चार साल पहले बिना किसी आदेश और सूचना के सरकारी राशन की दुकानों पर चीनी की आपूर्ति बंद कर दी थी। इस कदम से राज्य के लाखों बीपीएल और अंत्योदय परिवारों को सस्ती चीनी नहीं मिल पा रही है। जबकि देश के कई अन्य राज्यों में अभी भी चीनी की आपूर्ति जारी है, राजस्थान में मार्च 2021 के बाद से चीनी का आवंटन बंद कर दिया गया है।

यह स्थिति तब उत्पन्न हुई, जब ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन ने कई बार मांग की कि राशन दुकानों पर चीनी की आपूर्ति फिर से शुरू की जाए, लेकिन अब तक इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

महंगी चीनी खरीदने की मजबूरी

जब सरकार ने चीनी आपूर्ति बंद की, तो प्रत्येक परिवार को प्रति माह 6 किलो चीनी मिलने का आदेश था, जो 18 रुपये प्रति किलो की दर से दी जाती थी। अब जब बाजार में चीनी की कीमत 42 रुपये प्रति किलो है, तो बीपीएल परिवारों और अंत्योदय परिवारों के लिए सस्ती चीनी खरीदने की यह एक बड़ी मुश्किल बन चुकी है।

चीनी की आपूर्ति में हुई कमी

मार्च 2021 में चीनी का अंतिम आवंटन हुआ था, इसके बाद राशन डीलर्स की पोस मशीन से चीनी का विकल्प हटा दिया गया। इसका मतलब है कि कई परिवारों तक चीनी का वितरण नहीं हो पाया। कई जगहों पर तो आधी अधूरी चीनी वितरित हुई, जिससे यह समस्या और बढ़ गई।

बजट पर प्रभाव

चार साल से सस्ती चीनी का वितरण बंद होने से गरीब परिवारों के घर के बजट में फर्क पड़ा है। चाय, मिठाई और अन्य खाद्य पदार्थों में चीनी की कीमतों में वृद्धि ने परिवारों की आर्थिक स्थिति को और अधिक कठिन बना दिया है।

राजस्थान में चीनी आपूर्ति का इतिहास

राजस्थान में बीपीएल और अंत्योदय परिवारों के लिए चीनी का आवंटन केंद्र सरकार की योजना के तहत होता था। लेकिन मार्च 2021 के बाद, राज्य में चीनी वितरण की योजना पूरी तरह से रोक दी गई। खाद्य विभाग ने केवल वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान चीनी का वितरण किया था, और इसके बाद इसका कोई और आदेश जारी नहीं किया गया।